
प्रयागराज के महाकुंभ में हुई भगदड़ में 30 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत के बाद बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री और शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के बीच तीखी बहस छिड़ गई है। बाबा बागेश्वर ने मृतकों के लिए “मोक्ष की प्राप्ति” का बयान दिया, जिस पर शंकराचार्य ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा— “अगर वे तैयार हों, तो हम धक्का मारकर उनका भी मोक्ष करा दें!”
क्या कहा था बाबा बागेश्वर ने?
एक कार्यक्रम में बोलते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “महाप्रयाग (संगम) में मृत्यु को मोक्ष माना जाता है। यहां कोई नहीं मरा, सभी ने मोक्ष पाया है। जो गंगा किनारे देह त्यागते हैं, वे मरते नहीं, बल्कि भवसागर से पार हो जाते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि देश में रोजाना हजारों लोग बीमारी या दुर्घटनाओं में मरते हैं, लेकिन संगम में मौत “स्वर्ग का द्वार” है।
शंकराचार्य का पलटवार: “मोक्ष कराने को तैयार हैं!”
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने इस बयान को “संवेदनहीन” बताते हुए जवाब दिया:
“भगदड़ में पैरों तले कुचले गए बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग क्या मोक्ष चाहते थे? ऐसे बयान देना आसान है, पर यह दुख को और बढ़ाता है।”
“अगर बाबा जी को भी मोक्ष चाहिए, तो हम उन्हें धक्का देकर मोक्ष दिलाने को तैयार हैं!”
सोशल मीडिया पर आग: “मृतकों के परिजनों को दुखी करने वाला बयान”
इस विवाद ने ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर तूफान ला दिया है:
आलोचना: कई यूजर्स ने बाबा बागेश्वर के बयान को “ढोंग” और “संवेदनशून्यता” बताया। एक यूजर ने लिखा, “मौत को मोक्ष बताकर प्रशासनिक लापरवाही छिपाने की कोशिश है।”
समर्थन: कुछ श्रद्धालुओं ने इसे “धार्मिक दृष्टिकोण” कहकर सही ठहराया।
क्या हुआ था महाकुंभ में?
तारीख: मौनी अमावस्या (31 जनवरी) के दिन संगम नोज पर भगदड़।
कारण: अचानक भीड़ बढ़ने और प्रबंधन ढहने से लोगों का दम घुटा।
हताहत: सरकारी आंकड़ों के अनुसार 30 मौतें, 60+ घायल।