
Kumbh Stampede: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 के दौरान मौनी अमावस्या स्नान से पहले एक बड़ा हादसा हो गया। बुधवार तड़के 2 बजे संगम तट पर अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें 17 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गए।
हादसे के कारण और प्रशासन की प्रतिक्रिया
अब तक हादसे के सही कारणों का पता नहीं चल सका है, लेकिन माना जा रहा है कि बैरिकेडिंग टूटने से भगदड़ मची।
- राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) ने मौके पर स्थिति संभाली।
- 70 से अधिक एंबुलेंस घायलों को अस्पताल पहुंचाने में लगी रहीं।
- स्वरूपरानी अस्पताल में अब तक 14 शव पहुंच चुके हैं।
कुंभ प्रशासन ने मृतकों की आधिकारिक संख्या की पुष्टि नहीं की है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में 14 से 17 मौतों का अनुमान लगाया गया है।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात कर स्थिति की जानकारी ली। पीड़ितों को हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने—
- सभी पीपा पुलों को चालू करने का निर्देश दिया।
- श्रद्धालुओं से किसी भी घाट पर स्नान करने की अपील की।
- अफवाहों पर ध्यान न देने की सलाह दी।
महाकुंभ में अचानक रात्रि 2 बजे भगदड़ मच गई कई लोगों के घायल होने की खबर सामने आ रही है।
भगदड़ किस वजह से मची अभी तक साफ नहीं हुआ।pic.twitter.com/uW1Q4xDWYt
— Shivam Yadav (@ShivamYadavjii) January 28, 2025
प्रयागराज में श्रद्धालुओं की आवाजाही पर रोक
मौनी अमावस्या स्नान के लिए 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना थी। लेकिन हादसे के बाद प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए संगम तट पर श्रद्धालुओं की आवाजाही रोक दी।
- जिले की सीमाओं पर पुलिस बल तैनात किया गया है।
- 13 अखाड़ों का शाही स्नान सुबह 10 बजे के बाद होगा।
कुंभ में पहले भी हो चुकी हैं भगदड़ की घटनाएं (Kumbh Stampede:)
प्रयागराज में मौनी अमावस्या के दौरान भगदड़ कोई नई घटना नहीं है। इससे पहले भी कई बड़े हादसे हुए हैं—
- 3 फरवरी 1954 – महाकुंभ में भगदड़ से 800 लोगों की मौत।
- 10 फरवरी 2013 – प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर भगदड़ से 36 की मौत।
- 27 अगस्त 2003 (नासिक) – भगदड़ में 39 श्रद्धालुओं की मौत।
- 1992 (उज्जैन सिंहस्थ कुंभ) – भगदड़ में 50 से अधिक मौतें।