
नई दिल्ली: लखनऊ के सियासी गलियारों में इन दिनों घमासान मचा हुआ है। अखिलेश यादव और सरकार के बीच एक ऐसा मोर्चा खुल गया है, जिसकी पटकथा तो शुक्रवार को लिखी गई, लेकिन आग गुरुवार को ही भड़क गई थी। मौका था जयप्रकाश नारायण की जयंती का, और अखिलेश यादव को जेपी इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) पर माल्यार्पण करना था। मगर गुरुवार शाम को ही जेपी सेंटर के गेट पर टिन शेड लगाकर उसे बंद कर दिया गया, और शुक्रवार की सुबह अखिलेश यादव के आवास के बाहर बैरिकेडिंग और भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया।
लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अखिलेश यादव के निजी सचिव को पत्र भेजते हुए तर्क दिया कि जेपी सेंटर अभी निर्माणाधीन है और वहां निर्माण सामग्री बेतरतीब ढंग से पड़ी हुई है। बारिश के बाद वहां जीव-जंतुओं की आशंका है, जिससे जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त अखिलेश यादव का वहां जाना सुरक्षित नहीं है। सरकार का यह कदम समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए किसी बड़े मुद्दे से कम नहीं था।
सुबह होते ही सपा कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने अखिलेश यादव के आवास के बाहर पहुंचकर जमकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। पार्टी की नेता जूही सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “ये सरकार आवाजों से डरती है, लोकतंत्र से डरती है। माल्यार्पण का एक सादा कार्यक्रम था, फिर हमें क्यों रोका गया? क्या सरकार JPNIC को बेचना चाहती है या फिर अखिलेश यादव से डर गई है?”