
योग गुरु बाबा रामदेव ने अभिनेत्री ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। ममता कुलकर्णी, जो हाल ही में 24 साल बाद भारत लौटी थीं, उन्हें महाकुंभ के दौरान महामंडलेश्वर घोषित किया गया। इस पर बाबा रामदेव ने कहा कि संतत्व और साधुता एक दिन में हासिल नहीं की जा सकती। इसके लिए वर्षों की तपस्या और साधना की जरूरत होती है।
बाबा रामदेव का बयान
मीडिया से बातचीत करते हुए बाबा रामदेव ने कहा, “किसी के नाम के आगे ‘बाबा’ जोड़ देना और रील्स के जरिए कुंभ के पवित्र नाम को बदनाम करना गलत है। असली कुंभ वह है, जहां व्यक्ति साधना, ध्यान, योग, सत्य और प्रेम के जरिए उच्च आध्यात्मिकता की ओर बढ़ता है। ममता कुलकर्णी जैसे व्यक्तियों का अचानक महामंडलेश्वर बनना उचित नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा, “मैंने स्वयं साधुता को पाने में 50 साल लगाए हैं। महामंडलेश्वर बनने का रास्ता कठोर तपस्या और दीर्घकालिक समर्पण से गुजरता है, न कि एक दिन के प्रयास से।”
अश्लीलता पर जताई नाराजगी
बाबा रामदेव ने कुंभ के दौरान रील्स और सोशल मीडिया पर बढ़ती अश्लीलता और अनुचित गतिविधियों पर भी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा, “कुंभ सनातन धर्म का महान पर्व है, जो हमारी संस्कृति और जड़ों से जुड़ा है। यह पवित्र और दिव्य उत्सव है, लेकिन कुछ लोग इसे अश्लीलता और नशे से जोड़ रहे हैं, जो इसके मूल उद्देश्य और महत्व का अपमान है।”
#WATCH | #MahaKumbh2025, Prayagraj | Yog Guru Baba Ramdev says, “…It’s not good that anyone is becoming Mahamandleshwar; also it’s not good to spread vulgarity through reels… The way earth, fire, moon, and sun are eternal – are Sanatan – we need to preserve our festival as… pic.twitter.com/v40RVlu9A5
— ANI (@ANI) January 26, 2025
साधुता का महत्व
बाबा रामदेव ने साधुता और संतत्व को एक कठोर प्रक्रिया बताया, जो ध्यान, योग, तपस्या और करुणा के माध्यम से प्राप्त की जाती है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि संत बनने के लिए सच्चे समर्पण और त्याग की आवश्यकता होती है।