Delhi Election News 2025: दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख **अरविंद केजरीवाल** ने विधानसभा चुनाव से पहले आरक्षण का मुद्दा उठाते हुए बड़ा दांव खेला है। उन्होंने जाट समुदाय के साथ-साथ पांच अन्य जातियों को केंद्र की **ओबीसी सूची** में शामिल करने की मांग की है।
क्या है मामला?
अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली के जाट समुदाय से चार बार ओबीसी सूची में जोड़ने का वादा किया, लेकिन इसे अभी तक पूरा नहीं किया गया। उन्होंने इस संबंध में **प्रधानमंत्री मोदी को पत्र** भी लिखा है।
केजरीवाल का दावा
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केजरीवाल ने बताया कि राजस्थान के जाटों को केंद्र सरकार की संस्थाओं में ओबीसी आरक्षण का लाभ मिलता है, लेकिन दिल्ली के जाट इस लाभ से वंचित हैं। उन्होंने वादा किया कि उनकी सरकार बनने पर जाटों के आरक्षण के लिए संघर्ष किया जाएगा।
और किन जातियों की बात की गई?
केजरीवाल ने जाटों के अलावा अन्य पांच जातियों का भी उल्लेख किया, जिनमें शामिल हैं:
– रावत
– रोनियार
– राय तंवर
– चारण
– ओड
इन सभी जातियों को दिल्ली सरकार में ओबीसी का दर्जा प्राप्त है, लेकिन केंद्र सरकार की संस्थाओं में यह लाभ नहीं मिलता।
पीएम मोदी को लिखे पत्र में क्या कहा?
अरविंद केजरीवाल ने पत्र में लिखा कि राजस्थान के जाट युवाओं को **दिल्ली यूनिवर्सिटी** में ओबीसी आरक्षण का लाभ मिलता है, लेकिन दिल्ली के जाट युवाओं को यह लाभ नहीं मिलता। उन्होंने इसे **”दिल्ली के जाटों के साथ धोखा”** करार दिया और केंद्र सरकार से **ओबीसी सूची की विसंगतियों को सुधारने** की मांग की।
विसंगतियों का असर
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के **एनडीएमसी, डीडीए, एम्स, और राम मनोहर लोहिया अस्पताल** जैसे केंद्र सरकार के संस्थानों में आरक्षण का लाभ न मिलने से हजारों ओबीसी युवाओं के साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियां शिक्षा और रोजगार के अवसरों से वंचित कर रही हैं।
अरविंद केजरीवाल ने चुनावी मौसम में आरक्षण का मुद्दा उठाकर जाट समुदाय और अन्य ओबीसी जातियों को साधने की कोशिश की है। अब देखना यह होगा कि केंद्र सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और यह मुद्दा चुनावी समीकरण को कितना प्रभावित करता है।