
Patanjali Apologizes Unconditionally: पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने कथित भ्रामक विज्ञापनों पर बिना शर्त माफी मांगी है. इस मामले में दो अप्रैल को पेशी होनी है. आचार्य बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट को दिए एक हलफनामे में कहा है कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसे विज्ञापन जारी न किए जाएं. उनका उद्देश्य केवल इस देश के नागरिकों को आयुर्वेदिक कंपनी के उत्पादों का उपभोग करके स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करना है. आयुर्वेदिक अनुसंधान सदियों पुराने साहित्य और सामग्रियों का उपयोग करके जीवनशैली संबंधी बीमारियों के लिए उत्पाद बनाता है.
एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने आचार्य बालकृष्ण और योग गुरु रामदेव को पतंजलि आयुर्वेद अवमानना नोटिस के भ्रामक विज्ञापनों पर उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही में कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं देने के लिए सुनवाई की अगली तारीख पर पेश होने के लिए कहा था. आयुर्वेदिक कंपनी ने उसके पहले के कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं दिया था.
मैनेजिंग डायरेक्टर के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई
बता दें कि भ्रामक विज्ञापनों को लेकर उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही चल रही है. वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने हालांकि रामदेव को तलब करने पर सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाया. पिछली सुनवाई में अदालत ने आयुर्वेदिक कंपनी को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न भ्रामक विज्ञापन देने के लिए कंपनी और उसके मैनेजिंग डायरेक्टर के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाए.
दवाओं के बारे में भ्रामक विज्ञापन
शीर्ष अदालत ने पाया था कि आयुर्वेदिक कंपनी ने नवंबर 2023 के शीर्ष अदालत के आदेश का उल्लंघन किया. शीर्ष अदालत ने कंपनी को दवाओं के बारे में भ्रामक विज्ञापनों के प्रति आगाह किया था.
अदालत ने पतंजलि आयुर्वेद को दवा मानदंडों के तहत बीमारी के इलाज के रूप में उत्पादों के विज्ञापन से भी रोक दिया था. मीडिया में चिकित्सा की किसी भी प्रणाली के खिलाफ कोई भी बयान देने से भी आगाह किया था. अदालत की यह टिप्पणी तब आई जब उसने पाया कि कंपनी ने कथित तौर पर भ्रामक विज्ञापन दिए हैं.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की याचिका
अदालत ने एलोपैथी और आधुनिक चिकित्सा से संबंधित झूठे और भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने की मांग करने वाली इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई की.