
नई दिल्ली। यमुना के आसपास वाले क्षेत्रों में जलभराव पर शनिवार को मुख्य सचिव नरेश कुमार ने कहा कि 1978 में इससे ज्यादा नुकसान हुआ था। अधिकारी प्रभावित लोगों की मदद कर रहे हैं। भविष्य में ऐसा न हो, इसके लिए दिल्ली को नए सिरे से तैयार करना होगा।
नरेश ने कहा कि 1978 में यमुना का जलस्तर 207.49 मीटर पहुंचा था। इस पैमाने के अनुसार बंदोबस्त हो रखे हैं। किसी को अंदाजा नहीं था कि नदी का जलस्तर इससे एक मीटर ज्यादा हो जाएगा। इस बार जलस्तर 208.66 मीटर पहुंच गया, जिस कारण प्रशासन को नए सिरे से तैयारी करनी होगी। जलस्तर बढ़ने से किस तरह की परेशानियां आईं और उससे निपटने के लिए क्या बदलाव की जरूरत है, उस पर जल्द विचार होगा।
स्थिति सामान्य होने पर व्यवस्था दुरुस्त करेगा प्रशासन मुख्य सचिव ने कहा कि दिल्ली को ऐसे तैयार करना होगा कि भविष्य में यमुना का जलस्तर इतना बढ़े तो नुकसान न हो। इसके लिए बैराज के गेट ऊंचे करने होंगे। जल शोधन संयंत्रों के प्लेटफॉर्म की ऊंचाई बढ़ानी पड़ेगी, ताकि जलस्तर बढ़ने पर पानी की आपूर्ति बाधित न हो। कई जगहों पर इंजीनियरिंग बदलाव करने होंगे। स्थिति सामान्य होने पर इस पर प्रशासन काम करेगा।