Delhi Chunav 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के करीब आते ही विपक्षी गठबंधन “इंडिया ब्लॉक” में दरार की अटकलें तेज हो गई हैं। अरविंद केजरीवाल, तेजस्वी यादव और फारूक अब्दुल्ला द्वारा की गई मांगों ने गठबंधन में मतभेद को उजागर कर दिया है।
केजरीवाल ने उठाई पहली आवाज
आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में इंडिया ब्लॉक में अपनी स्थिति को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार के खिलाफ केंद्र सरकार की ओर से हो रही कार्रवाई पर ब्लॉक के अन्य दल चुप क्यों हैं।
तेजस्वी और अब्दुल्ला का रुख
इससे पहले बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इंडिया ब्लॉक के भीतर गठबंधन धर्म और सीट बंटवारे पर स्पष्टता की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर राज्यों में क्षेत्रीय दलों को उचित सम्मान नहीं मिला तो यह गठबंधन कामयाब नहीं हो पाएगा।
इसी बीच, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने भी जम्मू-कश्मीर के मुद्दों को प्राथमिकता देने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि इंडिया ब्लॉक को राष्ट्रीय एजेंडे के साथ-साथ क्षेत्रीय मुद्दों को भी महत्व देना होगा।
क्या टूटने की ओर है इंडिया ब्लॉक?
विश्लेषकों का मानना है कि विपक्षी दलों के बीच तालमेल की कमी और क्षेत्रीय प्राथमिकताओं के टकराव से गठबंधन कमजोर हो सकता है।
- सीट बंटवारा: दिल्ली और अन्य राज्यों में सीटों को लेकर आम सहमति नहीं बन पाई है।
- विचारधाराओं में अंतर: अलग-अलग राज्यों में पार्टियों की प्राथमिकताएं और राजनीति अलग-अलग हैं।
- नेतृत्व का मुद्दा: प्रधानमंत्री पद के दावेदारों को लेकर असहमति भी एक बड़ी चुनौती है।
चुनावी असर
दिल्ली में आम आदमी पार्टी पहले ही मजबूत स्थिति में है। यदि इंडिया ब्लॉक में दरार पड़ती है, तो यह बीजेपी के लिए फायदे की स्थिति हो सकती है। वहीं, कांग्रेस भी दिल्ली में अपनी खोई जमीन वापस पाने के लिए जोर लगा रही है।