![छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी की दर में गिरावट: एक बड़ी उपलब्धि 1 छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी की दर में गिरावट: एक बड़ी उपलब्धि](https://i0.wp.com/www.aamaadmi.in/wp-content/uploads/2024/09/beroj.jpg?resize=700%2C400&ssl=1)
छत्तीसगढ़ ने रोजगार सृजन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है। हाल ही में जारी Periodic Labour Force Survey (PLFS) की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य ने देश में सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में पांचवां स्थान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ को उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों के मुकाबले भी आगे रखती है।
रोजगार सृजन की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में, छत्तीसगढ़ सरकार ने युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। हाल ही में, पुलिस, स्वास्थ्य, सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी (पीएचई) और पंचायत विभागों में 1,068 पदों पर भर्ती को मंजूरी दी गई है।
इन भर्तियों से युवाओं को सरकारी नौकरियों में अवसर मिलेंगे, जिससे राज्य की योजनाएं प्रभावी ढंग से लागू हो सकेंगी। मुख्यमंत्री साय ने कहा है कि यह पहल न केवल राज्य के विकास में योगदान देगी, बल्कि युवाओं के सपनों को भी नई उड़ान देगी।
ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों पर ध्यान
सरकार ने खासतौर पर ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजित करने पर ध्यान केंद्रित किया है। स्वरोजगार और कौशल विकास को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं, ताकि गांव के युवा अपने ही इलाके में काम कर सकें और महानगरों की ओर पलायन न करें।
अन्य राज्यों की तुलना
PLFS की रिपोर्ट ने विभिन्न राज्यों में बेरोजगारी के आंकड़ों का भी खुलासा किया है। केरल में 15-29 वर्ष के युवाओं में बेरोजगारी दर 29.9% रही, जबकि महिलाओं में यह दर 47.1% और पुरुषों में 19.3% थी। लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में भी बेरोजगारी दर काफी उच्च रही।
इस प्रकार, छत्तीसगढ़ की यह उपलब्धि न केवल राज्य के विकास का प्रतीक है, बल्कि युवाओं के लिए बेहतर भविष्य की ओर एक कदम बढ़ाने का संकेत भी है।