
रायपुर. छत्तीसगढ़ को दृष्टिहीनता मुक्त राज्य बनाने की दिशा में नई पहल की जा रही है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से एक बार फिर से कॉर्नियल ब्लाइंडनेस फ्री स्टेट ( कॉर्निया अंधापन मुक्त राज्य) के लिए मुहिम शुरू की गई है. कोरोना महामारी की वजह से इस योजना की गति धीमी हो गई थी, जिसे पुनः तेजी से शुरू किया जा रहा है. इसके लिए एक ओर जहां राज्य में कार्नियल ट्रांसप्लांट सेंटरों की संख्या बढ़ाई जा रही है. वहीं दूसरी ओर दूसरे राज्यों से कार्निया मंगवाने के लिए अब विशेष अनुदान भी दिया जाएगा.
साथ ही आंखों की विभिन्न समस्याओं वाले मरीजों को भी जिला स्तर पर बेहतर जांच और उपचार उपलब्ध करवाने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं. इस संबंध में संचालक महामारी नियंत्रण सह राज्य कार्यक्रम अधिकारी अंधत्व निवारण, डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया: “लगातार आंखों से जुड़े रोग और समस्याओं के मरीज अस्पताल में पहुंचते हैं. कॉर्निया में सफेदी की वजह से जो व्यक्ति दृष्टिहीन है उनका अंधत्व दूर करने के लिए शासन प्रयास कर रहा है. इसलिए कॉर्नियल ब्लाइंडनेस फ्री स्टेट ( कॉर्निया अंधापन मुक्त राज्य) योजना शुरू की गई जिसकोपुनः गति प्रदान करने का प्रयास शुरू किया जा रहा है. इसके लिए नेत्र सहायको, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, एएनएम एवं मितानिन को प्रशिक्षित कर लोगों में नेत्रदान को बढ़ावा देने और कार्निया ट्रांसप्लांट के लिए जागरूकता लाने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं.“
संपूर्ण अंधेपन के शिकार व्यक्तियों की खोज – राज्य को अंधापन मुक्त राज्य बनाने के लिए कॉर्नियल ब्लाइंडनेस फ्री स्टेट ( कॉर्निया अंधापन मुक्त राज्य) की योजना 2019 शुरू की गई हैा कोविड महामारी की वजह से यह कार्य लगभग बंद सा हो गया था, जिसे पुनः गति प्रदान करने का प्रयास शुरु किया गया है. योजना के तहत संपूर्ण अंधेपन के शिकार व्यक्तियों की खोज की जा रही है. सरकारी और निजी आईं बैंकों को दान में मिले कॉर्निया जरूरतमंद लोगों को ट्रांसप्लांट किया जाएगा. यानी मृत व्यक्तियों के परिजन की काउंसिलिंग कर नेत्रदान कराने के लिए काउंसलर नियुक्ति किए गए हैं. जो लोगों के अंधकार भरे जीवन में रोशनी की नई किरण लेकर आएगा. हालांकि छत्तीसगढ़ में रोजाना हो रही मृत्यु के अनुपात में कम नेत्रदान होते हैं जो चिंता का विषय है, इसे लेकर जागरूकता अभियान भी सभी जिलों में चलाया जा रहा है.
बढ़ाए जा रहे कॉर्निया ट्रांसप्लांट सेंटर- स्वास्थ्य विभाग के अनुसार योजना के तहत पूर्व में राज्य में सरकारी और निजी मिलाकर कुल 7 कॉर्निया ट्रांसप्लांट सेंटर थे. इनकी संख्या बढ़कर अब 9 हो गई है. हाल ही में शंकरा आई हॉस्पिटल एवं ओम नेत्रालय में भी उपरोक्त सेंटर खोला गया है ताकि जरूरतमंद मरीजों को आंखों की रोशनी दी जा सके.
छत्तीसगढ़ को ही सिर्फ अनुदान- डॉ. मिश्रा के अनुसार कॉर्निया प्रत्यारोपण के लिए दूसरे राज्यों से कॉर्निया मंगवाने के लिए विशेष अनुदान की व्यवस्था की गई है. इसके लिए देश में सिर्फ छत्तीसगढ़ को ही बाहर से कॉर्निया मंगवाने के लिए 6,000 रूपए की अनुदान राशि स्वीकृत की गई है. जरूरत पड़ने पर यह राशि दूसरे राज्यों से कॉर्निया लाकर मरीजों को लगाने पर उपरोक्त संस्थान को दिया जाएगा.
नेत्रदान के लिए लोगों को किया जा रहा जागरूक- एक नेत्रदान से दो लोगों की आंखों को रोशनी दी जा सकती है. इसलिए नेत्रदान के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है. नेत्रदान के आंकड़ों को देखें तो वर्ष 2022-2023 में जुलाई तक 56 नेत्रदान हुए हैं. वहीं वर्ष 2019-2020 में 362, वर्ष 2020-2021 में 3 तथा 2021-2022 में 100 नेत्रदान हुए हैं.