
मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के लिए नामांकित खिलाड़ियों की सूची में प्रसिद्ध निशानेबाज मनु भाकर का नाम न होने से विवाद खड़ा हो गया। इस मामले के बाद केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने हस्तक्षेप किया है। अब अंतिम फैसला खेल मंत्री लेंगे, जिसके बाद ही पुरस्कार की अंतिम सूची जारी होगी। उम्मीद है कि मनु का नाम इस सूची में शामिल होगा।
क्या है विवाद?
खेल मंत्रालय की 12 सदस्यीय पुरस्कार समिति ने खेल रत्न पुरस्कार के लिए कुछ नामों की सिफारिश की थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन नामों में पेरिस ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली मनु भाकर का नाम शामिल नहीं था। इस पर मंत्रालय और समिति को आलोचना का सामना करना पड़ा।
हालांकि, मंत्रालय के एक अधिकारी ने स्पष्ट किया,
“यह अंतिम सूची नहीं है। अभी इसे संशोधित किया जा रहा है।”
मनु भाकर की प्रतिक्रिया
मनु ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया:
“मेरी भूमिका अपने देश के लिए खेलना और प्रदर्शन करना है। पुरस्कार मुझे प्रेरित करते हैं, लेकिन यह मेरा लक्ष्य नहीं है। नामांकन में शायद मेरी ओर से कोई चूक हुई हो, जिसे ठीक किया जा रहा है।”
उन्होंने इस मुद्दे पर अटकलें न लगाने की अपील करते हुए कहा,
“मेरा सबसे बड़ा लक्ष्य देश के लिए पदक जीतना है। मैं इस मामले को यहीं खत्म करना चाहती हूं।”
मनु के पिता का बयान
मनु के पिता ने नाराजगी जताते हुए कहा,
“अपने बच्चों को खिलाड़ी बनाने से बेहतर है कि उन्हें IAS अधिकारी या नेता बनाया जाए।”
पुरस्कार समिति के सदस्य
पुरस्कार समिति का नेतृत्व सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज वी. रामसुब्रण्यम कर रहे हैं। अन्य प्रमुख सदस्य:
अनिल कुंबले (पूर्व क्रिकेटर)
रानी रामपाल (पूर्व हॉकी कप्तान)
विजेंद्र सिंह (ओलंपिक बॉक्सिंग मेडलिस्ट)
राधा कृष्णन (एथलीट)
गिरिराज सिंह (पैरा एथलीट)
राहुल भटनागर (पूर्व खेल सचिव)
मनु का ओलंपिक प्रदर्शन
पेरिस ओलंपिक 2024 में मनु ने 10 मीटर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता, जिससे वह निशानेबाजी में ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। इसके बाद उन्होंने सरबजोत सिंह के साथ मिश्रित स्पर्धा में भी कांस्य पदक हासिल किया।
मनु एक ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी हैं।