पटना: हॉकी बिहार (Hockey Bihar) की मान्यता हॉकी इंडिया ने रद्द कर दी है, जिससे राज्य के खिलाड़ियों में मायूसी का माहौल है। इस फैसले से एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं कि क्या बिहार में हॉकी का भी वही हाल होगा जो क्रिकेट के साथ हुआ था?
क्यों रद्द की गई हॉकी बिहार की मान्यता?
हॉकी इंडिया ने हॉकी बिहार को पत्र जारी कर बताया कि इस निर्णय के पीछे की वजह है, हॉकी बिहार के अध्यक्ष श्रवण कुमार की 4 दिसंबर को राजगीर में आयोजित एशियन महिला हॉकी चैंपियनशिप के आयोजन को लेकर की गई शिकायतें। पत्र में यह भी कहा गया कि हॉकी बिहार के महासचिव मुश्ताक अहमद ने आयोजन के दौरान न तो अधिकारियों से मुलाकात की और न ही किसी प्रकार की सहायता प्रदान की।
बिहार में हॉकी के विकास को मिली बड़ी चोट
हॉकी इंडिया के इस कदम से राज्य में हॉकी के विकास को बड़ा झटका लगा है। 12 दिसंबर को Hockey Bihar को शोकॉज नोटिस जारी किया गया था और सात दिनों के भीतर जवाब मांगा गया था, लेकिन हॉकी बिहार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। दूसरी ओर, मुश्ताक अहमद ने इस निर्णय को गलत ठहराया है और इसे खेल विभाग के एक वरीय अधिकारी की साजिश बताया है।
भारतीय ओलंपिक संघ ने गठित की तदर्थ कमेटी
भारतीय ओलंपिक संघ ने बिहार ओलंपिक संघ को भंग कर तदर्थ कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी के अध्यक्ष भोला नाथ सिंह, जो हॉकी इंडिया के महासचिव हैं, बनाए गए हैं। कमेटी में अन्य सदस्य हैं अरुण कुमार ओझा, पंकज कुमार ज्योति, और डॉ. संजय सिन्हा।
खिलाड़ियों के बीच चिंता: क्या बिहार में हॉकी का भविष्य खतरे में है?
नई कमेटी के गठन के बाद खिलाड़ियों में निराशा और चिंता का माहौल है। उन्हें डर है कि कहीं बिहार में हॉकी का भी वही हाल न हो जाए जैसा क्रिकेट के साथ हुआ था, जब राज्य में क्रिकेट को लेकर समर्थन और संरचना की कमी ने इस खेल को प्रभावित किया।