नई दिल्ली. कर्नाटक में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा नेतृत्व जल्दी राज्य में बदलाव कर सकता है. सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व में ही पार्टी चुनाव में जाएगी, लेकिन संगठन स्तर पर रणनीतिक बदलाव किए जाने की संभावना है.
दक्षिण भारत में कर्नाटक एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां भाजपा सत्ता में है. पिछले कई साल से पार्टी कर्नाटक के बाहर सत्ता तक अपना विस्तार नहीं कर पाई है. ऐसे में पार्टी के लिए कर्नाटक के दुर्ग को बनाए रखना जरूरी है. इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा के पद से हटने के बाद पार्टी की पकड़ कमजोर होती दिख रही है, लेकिन विपक्षी खेमे में भी घमासान होने से स्थिति बराबरी की है. कांग्रेस अपने दो बड़े नेताओं सिद्धरमैया और डीके शिवकुमार के बीच में बंटी दिख रही है. वहीं, जनता दल एक सीमित क्षेत्र से आगे बढ़ता हुआ नहीं दिख रहा है. ऐसे में भाजपा के लिए अपने अंदरूनी मतभेदों को दूर कर सत्ता को बरकरार रखना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा, लेकिन जिस तरह से राज्य में साल भर पहले नेतृत्व परिवर्तन के बाद पार्टी अंतर्विरोध से जूझ रही है, उसके हल अभी तक नहीं निकल पाए हैं.
बीते एक साल में केंद्रीय नेताओं के एक दर्जन से ज्यादा दौरे हुए हैं. इनका उद्देश सत्ता और संगठन में समन्वय बनाकर बढ़ना है. कर्नाटक के प्रभारी महासचिव अरुण सिंह का कहना है कि राज्य में भाजपा बेहद मजबूत है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि चुनावी रणनीति को देखते हुए केंद्रीय नेतृत्व सभी संभावनाओं पर विचार कर रहा है.