पेच की स्थिति: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन आतिशी को मुख्यमंत्री बनाने की प्रक्रिया अटकी हुई है। इसका मुख्य कारण केजरीवाल के इस्तीफे की कानूनी मान्यता है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना इस इस्तीफे को केंद्रीय गृह मंत्रालय के माध्यम से राष्ट्रपति के पास भेजेंगे। जब तक राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिलती, केजरीवाल का इस्तीफा मान्य नहीं होगा और न ही आतिशी शपथ ले पाएंगी।
कानूनी दृष्टिकोण
कानून के जानकारों का कहना है कि केजरीवाल का इस्तीफा देना एक संवैधानिक कार्य है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत देते समय कुछ शर्तें लगाई थीं, जिनमें सरकारी फाइलों पर साइन न करना शामिल है। इसलिए यह सवाल उठता है कि केजरीवाल ने इस्तीफा कैसे दिया। हालांकि, कानून के अनुसार, मुख्यमंत्री का इस्तीफा किसी भी रूप में स्वीकार किया जा सकता है, जैसे चिट्ठी लिखकर या उपराज्यपाल के पास जाकर।
आगे की प्रक्रिया
केजरीवाल का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद, दिल्ली की मंत्रिपरिषद भंग हो जाएगी। इसके बाद ही आतिशी को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई जा सकेगी। उपराज्यपाल को अब इस मामले में राष्ट्रपति से मंजूरी लेनी है, जो प्रक्रिया को और लंबा कर सकती है।
संभावित शपथ ग्रहण की तारीख
आतिशी ने 21 सितंबर को शपथ लेने का दावा किया है। अगर सब कुछ सही रहता है और केजरीवाल का इस्तीफा मंजूर हो जाता है, तो आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बन जाएंगी।