प्रयागराज. साल 2022 में उत्तर प्रदेश में PCS-J मुख्य परीक्षा की 50 कॉपियां चेकिंग के दौरान बदल दी गई थी. जिसका खुलासा उस दौरान हुआ, जब एक स्टूडेंट्स ने ये बताया कि मेरी कॉपी पर मेरी हैंडराइटिंग है ही नहीं ।
ऐसी कुल 50 कॉपियां हाईकोर्ट की जांच में पाई गईं. जिसके बाद इस मामले पर 5 अधिकारी सस्पेंड हुए. एक महिला अधिकारी तो सेवानिवृत भी हो चुकी है.अब तो इस परीक्षा के 302 स्टूडेंट्स भी जज बन गए हैं.
Highcourt के द्वारा ये सवाल किया गया कि आयोग अब प्रभावित हुए अभ्यर्थियों के लिए क्या कर रहा है और साथ ही यह भी जवाब देने को कहा है कि परिणाम में बदलाव होने पर कोई चयनित अभ्यर्थी यदि बाहर होता है तो उसके लिए क्या किया जाने वाला है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में यूपीपीएससी (UPPSC) ने माना है कि परिणाम तैयार करने वाले अफसरो की लापरवाही के कारण से गलत कोडिंग के चलते पचास अभ्यर्थियों की कॉपियां बदल गई थी.इसके बाद आयोग ने रिजल्ट तैयार करने वाले 5 अधिकारियों को दोषी करार करते हुए तीन को सस्पेंड भी कर दिया है.
श्रवण पाण्डेय के ओर से दायर की गई थी याचिका
दरअसल, गड़बड़ी को लेकर अभ्यर्थी श्रवण पांडेय ने एक याचिका दायर की है. यूपी लोक सेवा आयोग ने इसी याचिका की सुनवाई के दौरान यूपी पीसीएस जे 2022 की मुख्य परीक्षा के 50 अभ्यर्थियों की कॉपियों में हुई बदलाव की बात कबूली है. आयोग ने हाईकोर्ट को बताया कि पचीस पचीस कापियों के दो बंडल आपस में बदली हो गए थे, इसी कारण से पचास कापियों पर गलत कोडिंग हो गई थी.