भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि मंगलवार को प्री क्वार्टर फाइनल में उतरने से पहले जो वजन मापा गया था, तब विनेश 49.9 किलो की थीं, जो कि 50 किलो भारवर्ग में उतरने के लिए ठीक था। हालांकि, मंगलवार को तीन राउंड, प्री क्वार्टर फाइनल, क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल खेलने के बाद उनका वजन 52.7 किलो हो गया, जो कि 2.8 किलो ज्यादा था। अब सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि आखिरकार विनेश का 2.8 किलो वजन 12 घंटे के अंदर बढ़ा कैसे?
वजन की जांच और वजन घटाना:
विनेश ने 50 किलोग्राम कैटेगरी में हिस्सा लेने के लिए अपना वजन 49.9 किलोग्राम रखा। लेकिन, उन्हें फाइनल मैच से पहले वजन घटाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी।
वजन घटाने के लिए पहलवान खास तकनीक अपनाते हैं, जिसमें बहुत पसीना बहाना, पानी कम पीना, और कड़ी मेहनत शामिल होती है। यह शरीर को कमजोर कर सकता है और ऊर्जा कम कर सकता है।
वजन में अचानक वृद्धि:
मैचों के दौरान और बाद में विनेश का वजन अचानक बढ़ गया। प्री क्वार्टर फाइनल के बाद उनका वजन 52.7 किलोग्राम हो गया, जो कि 2.8 किलोग्राम ज्यादा था।
ऐसा तब होता है जब एथलीटों को मुकाबलों के बीच पर्याप्त पानी और पोषण की जरूरत होती है, ताकि वे स्वस्थ और ऊर्जावान रह सकें। विनेश ने तीन मुकाबले लड़े और उन्हें पानी की जरूरत पड़ी, जिससे उनका वजन बढ़ गया।
डिसक्वालिफिकेशन की स्थिति:
12 घंटे के अंदर वजन कम करने की पूरी कोशिश की गई, जिसमें बाल काटना और कपड़े छोटे करना शामिल था। फिर भी, सुबह के वजन में 100 ग्राम की बढ़ोतरी थी।
अगर और समय मिलता, तो वजन को और कम किया जा सकता था, लेकिन समय की कमी के कारण विनेश को डिसक्वालिफाई कर दिया गया।
वर्तमान स्थिति:
डिसक्वालिफिकेशन के बाद विनेश को ठीक से रीहाइड्रेट किया गया और उनकी सेहत की जांच की गई। वह शारीरिक रूप से ठीक हैं, लेकिन उनके सपनों को 100 ग्राम के अंतर ने तोड़ दिया।