न्यूज़ डेस्क : 20 जुलाई से शुरू हुआ संसद का मानसून सत्र हर दिन हंगामे की भेंट चढ़ रहा है। इसी क्रम में आज तीन बड़े नेता बहुत ही नाराज दिखे। पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण विपक्षी सदस्यों के उन्हें धोखेबाज कहने पर काफी नाराज हो गईं। इसके बाद सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे अपने अपमान पर भड़क गए। इसके बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी भी विपक्ष की टोकाटोकी को लेकर काफी नाराज हो गईं। बता दे की बुधवार यानि आज केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस सदस्य अमी याग्निक एवं अन्य महिला नेताओं को चुनौती दी कि वे राजस्थान, छत्तीसगढ़ एवं बिहार में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार एवं बलात्कार की घटनाओं पर बोलने का साहस दिखाएं? मणिपुर में हुई घटना का ज़िक्र करते हुए स्मृति ने कहा कि वह इस बात पर घोर आपत्ति व्यक्त करती हैं। लेकिन छत्तीसगढ़, राजस्थान एवं बिहार में होने वाली घटनाओं पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
उन्होंने सवाल किया कि उनमें इस बारे में बात करने का साहस कब होगा कि एक कांग्रेस नेता के वहां जाने के बाद गुणिपुर जलने लगा। स्मृति ने कहा, “क्या आपने इतना साहस है कि आप कांग्रेस शासित राज्यों में होने वाली बलात्कार की घटनाओं के बारे में बोलें?” उन्होंने कांग्रेस सदस्य को नसीहत दी कि यदि वह इन घटनाओं पर नहीं बोल सकतीं तो उन्हें केंद्र की महिला मंत्रियों पर अनावश्यक दबाव नहीं बनाना चाहिए।
महिलाओं पर हुए अत्याचार की घटनाओं पर बोलने का माद्दा रखती है? केंद्रीय मंत्री ने कहा, “क्या आपके भीतर मादा एवं साहस है कि आप छत्तीसगढ़ के बारे में बोलें? क्या आपमें साहस है कि आप राजस्थान के बारे में बोले? क्या आपने साहस है कि आप बिहार के बारे में बोलें?