केंद्र सरकार ने देश में सुधारों के तीन सूत्रधारों को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान किया है. शुक्रवार को किसानों की आवाज चौधरी चरण सिंह, आर्थिक सुधारों को नया आयाम देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव और हरित क्रांति का आगाज कर देश को अन्न संकट से उबारने वाले कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न (मरणोपरांत) देने का ऐलान किया है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बयान जारी कर कहा कि इन प्रतिष्ठित व्यक्तियों को भारत रत्न (मरणोपरांत) से सम्मानित करते हुए उन्हें प्रसन्नता हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि दूरदर्शी दृष्टि वाले नरसिम्हा राव ने देश की अर्थव्यवस्था को आधुनिक बनाने में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने देश की समृद्धि और विकास के लिए एक ठोस आधार तैयार किया. इसी के बलबूते भारत दुनिया के बाजार के लिए खुला.
प्रधानमंत्री मोदी ने चौधरी चरण सिंह को लेकर कहा कि उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया. राष्ट्र निर्माण उनकी पहली प्राथमिकता थी और आपातकाल के विरोध में वो डटकर खड़े रहे. एमएस स्वामीनाथन ने अपनी कोशिशों से कृषि क्षेत्र में भारत को आत्म निर्भर बनाया था. उनके प्रयासों से न केवल देश के कृषि क्षेत्र में बदलाव आया, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और समृद्धि भी सुनिश्चित हुई.
अबतक 53 लोग सम्मानित सरकार इस वर्ष अब तक पांच व्यक्तियों को भारत रत्न देने की घोषणा कर चुकी है. इससे पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर व लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का ऐलान किया था. चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हा राव और स्वामीनाथन को भारत रत्न देने के ऐलान के बाद अब तक कुल 53 हस्तियों को इस सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है. पिछली बार 2019 में सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, भूपेंद्र कुमार हजारिका (मरणोपरांत) और नानाजी देशमुख (मरणोपरांत) प्रदान किया गया था.
राष्ट्र निर्माण में योगदान खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और स्वामीनाथन ने राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान दिया है. नरसिम्हा राव ने आर्थिक सुधारों, परमाणु कार्यक्रम और विदेश नीति पर खूब काम किया था.