बहराइच में आदमखोर भेड़ियों का आतंक: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के 35 गांवों के लोग आदमखोर भेड़ियों के आतंक से जूझ रहे हैं। इन गांवों के निवासी रात-रात भर जागकर अपने घरों की सुरक्षा कर रहे हैं। वन विभाग ने चार भेड़ियों को पकड़ लिया है, लेकिन अब भी दो भेड़ियों ने क्षेत्र में आतंक मचा रखा है। रविवार की रात एक भेड़िये ने एक ढाई साल की बच्ची की जान ले ली। इससे पहले, भेड़ियों ने एक बच्चा, एक महिला और एक बुजुर्ग को भी घायल कर दिया था। इस प्रकार, बहराइच में आदमखोर भेड़ियों ने अब तक नौ लोगों की जान ले ली है, जिनमें आठ बच्चे भी शामिल हैं।
रविवार की रात का हमला
रविवार रात को, भेड़ियों ने गरेठी गुरुदत्त सिंह गांव में हमला किया, जिसमें ढाई साल की बच्ची को निशाना बनाया गया। बच्ची की इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके अलावा, कोटिया गांव में 65 साल की बुजुर्ग महिला अंचाला पर भी भेड़ियों ने हमला किया। ये दोनों हमले हरदी थाना इलाके में हुए और यह लगातार दूसरी रात थी जब भेड़ियों ने हमला किया।
भेड़ियों को पकड़ने की कोशिशें
भेड़ियों के आतंक को समाप्त करने के लिए बहराइच, कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ, श्रावस्ती, गोंडा और बाराबंकी के 25 वन विभाग की टीमें लगाई गई हैं। भेड़ियों ने अब अपना आतंक जिले के अन्य हिस्सों तक फैला दिया है। बहराइच के डीएफओ के अनुसार, भेड़ियों की कुल संख्या छह है, जिसमें से चार को पकड़ लिया गया है। प्रशासन अब बाकी दो भेड़ियों की तलाश कर रहा है। हालांकि, प्रभावित इलाकों के ग्रामीण इनकी संख्या दो दर्जन तक बता रहे हैं।
भेड़ियों का आतंक औराही गांव से शुरू हुआ
भेड़ियों के आतंक की शुरुआत औराही गांव से हुई थी। यहां भेड़ियों ने पहले सात-सात साल के दो बच्चों पर हमला किया था। लगभग डेढ़ महीने पहले, फिरोज नाम के बच्चे पर भेड़ियों के झुंड ने हमला किया। बच्चा अपनी मां के साथ सो रहा था, तभी रात करीब 12 बजे एक भेड़िया घर के बरामदे में घुस आया और बच्चे की गर्दन दबोचकर भाग गया। उसकी मां ने बच्चे को बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन भेड़िया बच्चे को लगभग 200 मीटर दूर खेत में घसीटकर ले गया। गांव के लोगों के शोर मचाने पर भेड़िया बच्चे को खेत में छोड़कर भाग गया। घायल बच्चे को अस्पताल ले जाया गया, जहां 13 दिनों तक इलाज के बाद उसकी जान बचाई गई।
ग्रामीणों की चिंताएं और प्रशासन की स्थिति
भेड़ियों के लगातार हमलों से ग्रामीणों में गहरी चिंता और भय का माहौल है। प्रशासन के द्वारा उठाए गए कदमों के बावजूद, भेड़ियों का आतंक जारी है और लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। प्रशासन को इस गंभीर स्थिति को देखते हुए जल्द ही ठोस कदम उठाने की जरूरत है ताकि इस संकट से जल्द से जल्द निजात मिल सके।