रायगढ़. जिला मुख्यालय से लगे ग्राम बादपाली में 8 एकड़ भू-स्वामी हक की भूमि में लगे सैकड़ों पेड़ों को छिपाकर महज 75 पेड़ दिखाकर संबंधित पटवारी ने बिक्री नकल जारी कर दिया. जिसके कारण उक्त भूमि की रजिस्ट्री में स्टांप डयूटी में शासन को काफी चपत लगा. इस मामले के सामने आने के बाद न तो राजस्व विभाग ने मामले की जांच की न ही पंजीयन विभाग ने मौका जांच करना उचित समझा.
किसी भी भूमि को विक्रय करने के पूर्व राजस्व विभाग में पदस्थ पटवारी द्वारा चतुर्सीमा व बिक्री नकल जारी किया जाता है. इसके बाद रजिस्ट्री के लिए स्लॉट तय करने के पूर्व पंजीयन विभाग द्वारा मौका जांच कर परिसंपत्ति का आंकलन कर यह जांच किया जाता है कि परिसंपत्ति का विवरण सही दर्ज किया गया है या नहीं, लेकिन बादपाली में खसरा नंबर 43/5 व 43/6 में करीब 8 एकड़ भूमि की चतुर्सीमा व बिक्री नकल तैयार करने के पूर्व मौका सत्यापन किया गया है न ही रजिस्ट्री के पूर्व पंजीयन विभाग के अधिकारियों ने मौका जांच किया. उक्त खसरे नंबर में तत्कालीन पटवारी द्वारा महज 75 पेड़ों लगे होना बताया है जबकि मौके पर सामान्य रूप से देखने पर ही पेड़ों की संख्या कई गुना अधिक देखी जा सकती है. पूरे 8 एकड़ की भूमि में पेड़ों की संख्या इतनी अधिक है कि ग्रामीणों की माने तो वहां कभी कोई फसल लगा ही नहीं पाया है. फसला लगाने के लिए भी सैकड़ों पेड़ों केा काटना पड़ेगा. ऐसी स्थिति में व्यवसायिक उपयोग के लिए परिवर्तित कराकर भूमि को विक्रय किया गया है .