देहरादून: आज से देहरादून के विभिन्न क्षेत्रों में भक्तिभाव और उल्लास के साथ दुर्गा पूजा महोत्सव की शुरुआत हो रही है। इस साल के महोत्सव का खास आकर्षण ईको-फ्रेंडली मूर्तियों का होना है, जिन्हें विशेष रूप से कोलकाता के मूर्तिकारों ने तैयार किया है।
उत्सव का कार्यक्रम
नौ अक्टूबर, यानी षष्ठी तिथि से पंडालों में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। पूजा-अर्चना और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ, 12 और 13 अक्टूबर को सिंदूर खेला के साथ मूर्ति विसर्जन होगा। देहरादून में बंगाली समुदाय में दुर्गा पूजा के प्रति अपार उत्साह है, और इसके लिए पिछले कई दिनों से तैयारियां जोरों पर हैं।
ईको-फ्रेंडली मूर्तियों का विशेष पहलू
कोलकाता के मूर्तिकारों ने इस बार मां दुर्गा, गणेश, लक्ष्मी, कार्तिकेय और सरस्वती की मूर्तियों को मिट्टी, बांस और पुआल के मिश्रण से तैयार किया है, जो पर्यावरण के अनुकूल हैं। दुर्गा महोत्सव की पूर्व संध्या पर, झाझरा स्थित जलवायु दुर्गा पूजा समिति ने महिलाओं द्वारा अराधना की गई, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने रंग बिखेरा।
मुख्य आयोजन स्थल
देहरादून में दुर्गा पूजा महोत्सव के लिए कई प्रमुख आयोजन समितियां तैयारियों में जुटी हैं। मुख्य स्थानों में दुर्गाबाड़ी मंदिर बिंदाल, माडल कालोनी आराघर, रायपुर, करनपुर, प्रेमनगर शामिल हैं।
दुर्गाबाड़ी मंदिर (बिंदाल): 69वां महोत्सव
बंगाली लाइब्रेरी करनपुर: 102वां दुर्गा महोत्सव
रायपुर दुर्गा पूजा कमेटी: 81वां महोत्सव (बंगभारती क्लब परिसर)
उत्तरायण कालीबाड़ी पूजा समिति: 44वां महोत्सव (माडल कालोनी)
नेताजी सुभाष चंद्र बोस सेवा समिति द्वारा श्री गुरु नानक पब्लिक गर्ल्स इंटर कालेज के मैदान में भी दुर्गा पूजा महोत्सव मनाया जाएगा।