नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से महाराष्ट्र की राजनीति में लगातार सियासी भूचाल देखने को मिल रहा है. एनडीए में नतीजों पर अभी तक मंथन जारी है. वहीं, विपक्ष को अब विधानसभा चुनाव के लिए भी अपनी जमीन मजबूत नजर आने लगी है. विपक्षी खेमा कितना एकजुट होकर लोकसभा की सफलता को विधानसभा चुनाव में बरकरार रख पाएगा यह तो वक्त बताएगा, लेकिन शरद पवार की सक्रियता और कांग्रेस के साथ मिलकर विपक्ष को मज़बूत करने की उनकी मुहिम पर्दे के पीछे शुरू हो चुकी है.
नए समीकरणों का हवाला देते हुए पवार गुट दावा कर रहा है कि अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी शरद पवार के प्रभाव के चलते आने वाले दिनों में कमजोर हो जाएगी. इनके कई नेताओं का संपर्क सीनियर पवार गुट से हुआ है. उधर, एनडीए में भी अजित पवार खेमे का सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. पहले मंत्रिमंडल से दूरी और अब अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार के नामांकन से एनडीए नेताओं की दूरी के कई मतलब निकाले जा रहे हैं. एकनाथ शिंदे गुट की एकजुटता पर भी संदेह जताया का रहा है.
राज्य में सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी एमवीए के नेताओं के बीच वार-पलटवार का दौर चल रहा है. वहीं, एनसीपी के दोनों धड़ों की ओर से कई विधायकों और सांसदों को लेकर दावेदारी की जा रही है. जानकारों का कहना है कि शरद पवार गुट सहित पूरा महाविकास अघाड़ी खेमा उत्साहित है. अगर सभी ने विधानसभा चुनाव तक एक दूसरे का हाथ पकड़े रखा तो उनकी मनोवैज्ञानिक बढ़त एनडीए का समीकरण राज्य में बिगाड़ सकती है.
लोकसभा चुनाव में शरद पवार गुट के आठ सांसद चुने गए हैं, उनकी पार्टी ने 10 सीटों पर चुनाव लड़ा था. वहीं, अजित पवार गुट ने चार सीट पर चुनाव लड़कर सिर्फ एक सीट हासिल की है. महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में 13 सीट जीतकर कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया है. शिवसेना उद्धव गुट ने भी नौ सीट जीतकर अच्छा प्रदर्शन किया.
उधर, कांग्रेस नेताओं का मानना है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और महा विकास अघाड़ी और सीटें जीत सकती थी, अगर प्रकाश आंबेडकर की पार्टी वीबीए और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने कई जगहों पर खेल नहीं बिगाड़ा होता. फिलहाल जो सबक मिले हैं उसके आधार पर नई रणनीति बनाकर एनडीए की घेराबंदी की तैयारी की जा रही है. इसी साल महाराष्ट्र में विधानसभा के चुनाव होने हैं. यह चुनाव केंद्र के समीकरणों को भी देर सबेर प्रभावित कर सकते हैं.
ध्रुवीकरण के कारण कई सीटें खो दीं फडणवीस
महाराष्ट्र में भाजपा की लोकसभा सीटों की संख्या 23 से घटकर 9 पर आ जाने पर पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को भगवा पार्टी की किस्मत को फिर से संवारने के लिए वास्तविक आत्मनिरीक्षण और रणनीति की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा ने ध्रुवीकरण के कारण कई सीटें खो दी. फडणवीस शुक्रवार को पार्टी की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आसमान नहीं गिरा है. हमें राज्य में केवल दो लाख वोट कम मिले, जबकि मुंबई में हमें दो लाख अधिक वोट मिले. भाजपा 130 विधानसभा क्षेत्रों में आगे थी, लेकिन जबरदस्त ध्रुवीकरण के कारण हमें हार मिली. बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए राज्य भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने विपक्ष पर सत्तारूढ़ गठबंधन के खिलाफ झूठ फैलाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि हम विधानसभा चुनावों में बहुत अच्छा प्रदर्शन करेंगे और राज्य में फिर से सरकार बनाएंगे.
अन्ना हजारे घोटालों के खिलाफ आवाज उठाएं राउत
मुंबई. शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को देश और महाराष्ट्र में हो रहे घोटालों को उजागर करना चाहिए. राउत उन रिपोर्ट का जिक्र कर रहे थे, जिनमें कहा गया था कि हजारे महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले में पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती देंगे. इस मामले में उपमुख्यमंत्री अजित पवार भी आरोपियों में शामिल हैं.
मौका भुनाने की कवायद
शरद पवार चाहते हैं कि अभी से लोकसभा चुनाव के दौरान मिले समर्थन के आधार पर रणनीति बनाकर विपक्षी एकता पर काम किया जाए, जिससे जो मौका मिला है उसे सियासी तौर पर भुनाया जा सके.