रुपये में लगातार दूसरे दिन गिरावट देखने को मिली है. डॉलर के मुकाबले रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. रुपया शुक्रवार को 41 पैसे की गिरावट के साथ डॉलर के मुकाबले 81.20 के ऑल-टाइम लो पर पहुंच गया है. यूएस ट्रेजरी यील्ड्स के कई साल के हाई पर पहुंचने और इंपोर्टर्स की तरफ से डॉलर की ऊंची डिमांड के कारण रुपये में यह गिरावट आई है. रुपये में गुरुवार को फरवरी के बाद से सबसे बड़ी सिंगल सेशन पर्सेंटेज गिरावट आई थी. डॉलर के मुकाबले गुरुवार को रुपये में 99 पैसे की गिरावट आई थी.
8 सेशन्स में से 7 में गिरा रुपया
पिछले 8 ट्रेडिंग सेशन्स में से यह 7वीं बार है, जब रुपए में लगातार गिरावट देखने को मिली है. इसी समय के दौरान रुपया 2.51 फीसदी गिर चुका है. इस साल की बात करें तो रुपया 8.48 फीसदी टूट चुका है.
25 जुलाई को 10 वर्षीय बॉन्ड यील्ड 7.383 फीसदी पर ट्रेड होती देखी गई थी. यह अपनी पिछली क्लोजिंग से 7 आधार अंक ऊपर है. यूएस 10 वर्षीय ट्रेज़री यील्ड में गुरुवार को 18 आधार अंकों का जबरदस्त उछाल आया और यह 3.7 फीसदी पहुंच गई. यह इस दशक का सबसे उच्चतम स्तर है. इसके आधार पर कहा जा सकता है कि निवेशकों को आर्थिक मंदी का बढ़ता जोखिम नजर आ रहा है.