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RLD: जयंत चौधरी ने कहा NDA में बने रहेंगे, विपक्ष के दावे को बताया बेफिजूल

RLD: शुक्रवार को जब एनडीए बैठक की जो तस्वीरें सामने आई, उसमें नरेंद्र मोदी के बगल वाली सीट पर डीटीपी नेता चंद्रबाबू नायडू, उनके साथ नीतीश कुमार, एकनाथ शिंदे, चिराग पासवान, जीतनराम मांझी और अनुप्रिया पटेल बैठे हैं। इनके अलावा पवन कल्याण, अमित शाह, जेपी नड्डा और राजनाथ सिंह भी मंच पर मौजूद हैं। वहीं यूपी में दो सीटों जीतने वाली राष्ट्रीय लोक दल के मुखिया जयंत चौधरी सामने की तरफ दूसरी पंक्ति में बैठे हैं।

सपा ने कहा, NDA से दूरी बनाएं जयंत
समाजवादी पार्टी ने जयंत चौधरी की इन तस्वीरों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा किया और तंज कसते हुए लिखा, ‘आरएलडी पार्टी के मुखिया जयंत चौधरी को मंच पर जगह तक नहीं दी गईं, जबकि उनकी दो सीटें हैं, वहीं 1-1 सीट वाले दलों के नेताओं को मंच पर साथ में बिठाया गया है। सपा ने आगे लिखा, भाजपा की जाट समाज से नफरत और स्व. चौधरी चरण सिंह जी एवं चौधरी अजीत सिंह जी के प्रति नाटकीय झूठे सम्मान का भंडाफोड़ हो गया है। जयंत चौधरी जी अगर सच में किसान हितैषी हैं, तो उन्हें NDA से दूरी बनानी चाहिए और किसान हितों पर भाजपा के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। छोटे और नजदीकी लालच के चक्कर में अपने स्वाभिमान और किसान हितों का सौदा भाजपा से नहीं करना चाहिए।

कांग्रेस बोली- की बेइज्जत
वहीं कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को उठाने में कोई कोरकसर बाकी नहीं छोड़ी। यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि जयंत चौधरी को नरेंद्र मोदी के साथ मंच पर जगह नहीं मिली। मोदी जी के यहां जो जाएगा, उसके साथ यही होगा। पार्टी में शामिल कराते वक्त बड़े-बड़े गुलदस्ते और हार दिए जाते हैं, लेकिन बाद में अपमानित किया जाता है। उनको बेइज्जत किया जाता है।

जयंत चौधरी ने नहीं दिया तूल
वहीं एनडीए संसदीय दल की बैठक के बाद मीडिया से बात करते जयंत चौधरी ने हालांकि इस मुद्दे पर सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा। उन्होंने बस इतना कहा कि एनडीए संसदीय दल की बैठक में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए चुना गया है। एनडीए की बैठक में हमने कई चर्चाएं की हैं। जिस तरह पीएम मोदी ने 10 साल काम किया है, उसी ऊर्जा के साथ आगे काम करेंगे। उन्होंने अपने मंत्री पद को लेकर भी कोई जिक्र नहीं किया।

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“ऑल इज वेल”
वहीं जयंत चौधरी के बेहद करीबी एक नेता ने बताया कि मंच पर जग नहीं देना कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। यह केवल मिस-मैनेजमेंट का मामला है। सेंट्रल हॉल में एनडीए संसदीय दल की बैठक में भाजपा के सांसदों, मुख्यमंत्रियों समेत एनडीए में शामिल दलों के नेता और सांसद भी वहां उपस्थित थे। काफी भीड़भाड़ थी। कुर्सी लगाने को लेकर कोई गलती हो गई होगी। इस बात को इतना तूल नहीं देना चाहिए। कोई ऐसा जानबूझ कर क्यों करेगा। वह कहते हैं, गुरुवार को जब एनडीए के घटक दलों की बैठक हुई थी, तब भी नरेंद्र मोदी ने उनसे उनका हालचाल पूछा था, जिसकी तस्वीरें भी शेयर हुईं थीं। आज भी जब एनडीए के नेता राष्ट्रपति से मिलने गए थे, तब भी राष्ट्रपति के बाएं तरफ पंक्ति में खड़े हैं। इसकी भी फोटो शेयर हुईं हैं। सूत्र बताते हैं कि आरएलडी के खाते में एक मंत्री पद आ सकता है। वहीं आरएलडी को लेकर एनडीए में किसी तरह के मनमुटाव पर वह कहते हैं, “ऑल इज वेल।”

क्या आरएलडी से नाराज है भाजपा?
वहीं एक अन्य सूत्र का कहना है कि आरएलडी ने अपनी दोनों सीटें तो भाजपा के वोट से जीत लीं, लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आरएलडी भाजपा के पक्ष में जाटों-किसानों के वोट ट्रांसफर नहीं करवा पाई। जिसके चलते एक जाट मंत्री की हार हो गई। उसे देखते हुए भाजपा नेतृत्व विशेषकर यूपी के जाट नेता आरएलडी नेतृत्व से बहुत नाराज हैं। वह नहीं चाहते कि आरएलडी से कोई मंत्री बने। लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा के टिकट पर किसी जाट नेता को जीत हासिल नहीं हुई है। ऐसे में उनके पास केवल जयंत ही विकल्प हैं। उन्हें मंत्री पद तो देना ही पड़ेगा।

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