भीलवाड़ा में एक कोबरा सांप को सपेरों और वन विभाग के अधिकारियों के पास से जब्त किया गया है। सांप की जहर की थैली हटा दी गई है और इसके दांत भी टूटे हुए हैं। इस स्थिति को देखकर वन विभाग को संदेह है कि सांप का जहर तस्करी के लिए इस्तेमाल हो रहा है।
राजस्थान के भीलवाड़ा में कोबरा सांप के जहर की तस्करी की जा रही है, और इसे 3-4 करोड़ रुपए में बेचा जाता है। इस संदिग्ध तस्करी के मामले में वन विभाग के एक पूर्व कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही, सांपों को बचाने वाली टीम के कुछ सदस्य भी पकड़े गए हैं, जिनमें से कुछ को कोटा से और 5 सपेरों को हरियाणा के पास से गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार व्यक्तियों के पास से बुरी हालत में एक कोबरा सांप मिला है। सांप के दांत टूटे हुए हैं और जहर की थैली हटा दी गई है। सांप के जहर की उच्च कीमत के कारण इसकी तस्करी की जा रही है। इसके अलावा, आरोपियों के पास से कुछ जड़ी-बूटियाँ भी मिली हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि जीवित और खराब हालत में मिले कोबरा सांप के साथ 3 नकली सांप भी बरामद हुए हैं।
वन विभाग ने 5 गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ शुरू की है। एक सपेरे, सुरेश कुमार, की मेडिकल जांच की गई है और रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। भारत में केवल 30 प्रतिशत सांपों में जहर होता है, बाकी सांपों में जहर नहीं होता है।
कोबरा सांप के जहर का मुख्य उपयोग नशे के लिए किया जाता है। नशे के प्रयोग के दौरान जहर की मात्रा को कम करने के लिए इसमें कुछ केमिकल मिलाए जाते हैं ताकि यह ज्यादा खतरनाक न हो।