रायपुर. आमानाका इलाके में एक ऑटो ड्राइवर की हत्या नहीं हो पाती, अगर उसके दोस्त ने झगड़े की सूचना पुलिस को तत्काल दे दी होती. पुलिस ने ऑटो ड्राइवर की हत्या के मामले में तीन नाबालिगों को हिरासत में लिया है. पुलिस के मुताबिक डूमरतालाब के पास एमबीपीएल मैदान में 17 जुलाई को नरेश चंद्राकर की क्षतविक्षत लाश मिली थी. अज्ञात लोगों ने उसकी हत्या करके शव वहां फेंक दिया था. हत्या का मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की.
इस दौरान पता चला कि घटना वाली रात नरेश अपनी ऑटो में लतीफ नामक के युवक के साथ आया था. दोनों शराब पीने के लिए कुकुरबेड़ा की ओर गए थे. वहां कुछ लड़कों से उनका झगड़ा हो गया. इसके बाद लड़कों ने उन दोनों पर चाकू, लाठी व अन्य चीजों से हमला कर दिया. इसके बाद आरोपी दोनों को जबरदस्ती ऑटो में बैठाकर अपने साथ ले जाने लगे. इस दौरान लतीफ ऑटो से कूद गया और अपने घर चला गया. इसके बाद देर रात आरोपियों ने नरेश की चाकू मारकर हत्या कर दी. इसके बाद शव को एमबीपीएल मैदान में फेंक दिया. उसकी ऑटो लेकर फरार हो गए. फिर अगले दिन ऑटो वहीं छोड़ दिया. पुलिस ने जांच के दौरान कुकुरबेड़ा के तीन नाबालिगों को पकड़ा. पूछताछ में उन्होंने हत्या करना स्वीकार कर लिया.
डॉयल 112 में दी होती सूचना, तो भी बच सकती थी जान: हत्या करने वाले नाबालिग ऑटो में जबरदस्ती नरेश और उसे ले जा रहे थे, लेकिन लतीफ रास्ते में ऑटो से कूद गया. फिर आरोपी लड़के नरेश को ही ले गए. लतीफ ने ऑटो से कूदने के बाद पुलिस को सूचना दी होती, तो नरेश की जान बच सकती थी. लतीफ ने तीन दिन तक इसकी जानकारी किसी को नहीं दी. इससे पूरा मामला संदेहास्पद हो गया है. पुलिस ने जिन नाबालिगों को पकड़ा है, उसको लेकर भी सवाल उठ रहे हैं.