रायगढ़. निर्माण कार्य में मनमानी पर निगम अधिकारियों की दोहरी नीति सामने आ रही है. निर्माण के कुछ समय बाद ही सीसी सड़क धंसने के मामले में ठेकेदार को नोटिस तो जारी कर दिया गया, लेकिन जिस इंजीनियर को उक्त निर्माण कार्य को गुणवत्ता पूर्वक कराए जाने की जिम्मेदारी दी गई उक्त अधिकारी से सवाल तक नहीं किया गया.
उल्लेखनीय है कि शहर के वार्ड क्रमांक 42 स्थित इंदिरा आवास मोहल्ला के लोगों के आवागमन करने के लिए 18 लाख रुपए से सीसी सड़क का निर्माण कराया. उक्त सड़क निर्माण के कुछ दिनों बाद ही जहां जगह-जगह से उधड़ गई. दो जगह से सड़क टूट कर अलग हो गई. वहीं दोनों छोर के शुरुआत पर सड़क पर दरारें पड़ चुकी है. हालात यही समाप्त नहीं हुई. अधिकांश जगह की गिट्टी जगह-जगह से उधड़ चुकी है. यह मामला जब सामने आया तो नगर निगम ने संबंधित ठेकेदार को नोटिस जारी किया.
वहीं परफारमेंस गारंटी के तहत सड़क की रिपेयरिंग कराई जाएगी. इस तरह उक्त कार्य को कराने का ठेका लेने वाले ठेकेदार पर तो कार्रवाई की गई. खास बात यह है कि प्रत्येक निर्माण कार्य को गुणवत्ता युक्त कराए जाने की जिम्मेदारी निगम के तकनीकी अधिकारियों की रहती है. संबंधित अधिकारी का दायित्व होता है कि उक्त निर्माण कार्य पर वे नजर रखे. साथ ही गुणवत्ता पूर्व कार्य को कराए. ठेकेदार के द्वारा जिस तरह निर्माण कार्य में लापरवाही बरती गई. उसकी तरह संबंधित इंजीनियर ने अपने दायित्वों का पालन सही तरीके से नहीं किया. इसके बाद भी नगर निगम के अधिकारी अब तक तकनीकी अधिकारी पर किसी प्रकार से कार्रवाई नहीं किए हैं.
कागजों में आदेश
नगर निगम में हर सप्ताह समीक्षा बैठक की जाती है. इस समीक्षा बैठक में जब शहर के निर्माण कार्यों की समीक्षा होती है तब इस पर जोर दिया जाता है कि प्रत्येक कार्य तय समय के साथ गुणवत्ता पूर्ण हो, लेकिन यह बात कागजों तक ही सिमित रह गया है. न तो निर्माण कार्य तक समय में हो रहे हैं और ना ही गुणवत्ता पूर्ण कार्य हो रहा है. इसका उदाहरण उक्त सीसी सड़क है.