महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मतदान से कुछ घंटे पहले, अचानक एक नया राजनीतिक तूफान उठ खड़ा हुआ। बहुजन विकास अघाड़ी (BVA) के नेता हितेंद्र ठाकुर ने भाजपा के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े (Vinod Tawde) पर आरोप लगाया कि उन्होंने विरार के एक होटल में पांच करोड़ रुपये बांटकर मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश की। जैसे ही यह आरोप सामने आया, विपक्षी दलों ने तावड़े पर हमलावर होकर एक के बाद एक बयान जारी किए।
इस आरोप पर पलटवार करते हुए, भाजपा नेता विनोद तावड़े ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और सुप्रिया श्रीनेत को कानूनी नोटिस भेज दिया। इस नोटिस में तावड़े ने इन नेताओं से 24 घंटे के अंदर माफी की मांग की, वरना 100 करोड़ रुपये के मानहानि मुकदमे का सामना करने की चेतावनी दी।
Vinod Tawde ने साफ तौर पर कहा कि यह आरोप निराधार और झूठे हैं। उन्होंने इन तीनों नेताओं से माफी मांगने का अनुरोध किया, साथ ही कहा कि यदि माफी नहीं मांगी जाती तो वह कानूनी कदम उठाने के लिए मजबूर होंगे। तावड़े ने आरोप लगाया कि कांग्रेस, अपनी नीच राजनीति के तहत, देश को गुमराह करने के लिए झूठ फैला रही है।
इस विवाद में ट्विस्ट तब आया जब चुनाव आयोग और पुलिस ने कहा कि होटल के कमरों से 9.93 लाख रुपये नकद बरामद किए गए, जिससे यह मामला और भी उलझ गया। लेकिन तावड़े ने खुद को पूरी तरह से निर्दोष बताया, और कहा कि वह केवल पार्टी कार्यकर्ताओं से चुनावी दिशा-निर्देश देने गए थे, न कि पैसे बांटने।
वहीं, पुलिस ने तावड़े और भाजपा उम्मीदवार राजन नाईक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का भी मामला सामने आया है।