Haryana Assembly Election 2024: राहुल गांधी ने सोमवार को अंबाला में एक रैली के दौरान हरियाणा कांग्रेस में चल रही गुटबाजी की चर्चाओं को शांत करने की कोशिश की। रैली के दौरान उन्होंने एक बड़ा कदम उठाते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा का हाथ पकड़कर सभी के सामने मिलवाया, जिससे यह साफ संदेश गया कि कांग्रेस एकजुट है। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें प्रियंका गांधी भी मंच पर मौजूद नजर आईं।
कुमारी सैलजा की नाराजगी को दूर करने की कोशिश
कुमारी सैलजा की नाराजगी की खबरें पहले से ही आ रही थीं। उनकी नाराजगी की वजह यह थी कि उनके समर्थकों को टिकट नहीं मिला और पार्टी में हुड्डा गुट का ज्यादा प्रभाव था। इससे सैलजा थोड़ी निराश थीं और कुछ समय के लिए चुनाव प्रचार से भी दूर हो गई थीं। सैलजा हरियाणा के दलित वोटरों पर खासा प्रभाव रखती हैं, जो कुल वोटरों का 20-22 प्रतिशत हैं। उन्होंने खुद भी विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी, लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया, जिससे उनकी नाराजगी और बढ़ गई थी।
कांग्रेस का चुनावी जोखिम से बचने का प्रयास
चुनाव में अब कुछ ही दिन बचे हैं, और कांग्रेस किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहती। राहुल गांधी ने इसीलिए मंच से एकजुटता का संदेश दिया ताकि गुटबाजी की अफवाहें खत्म हों और पार्टी एक मजबूत स्थिति में दिखाई दे। बीजेपी लगातार कुमारी सैलजा के मुद्दे को उठाकर कांग्रेस में फूट का आरोप लगा रही थी, लेकिन राहुल गांधी के इस कदम से कांग्रेस ने यह दिखाने की कोशिश की है कि पार्टी में कोई मतभेद नहीं है।
VIDEO | Haryana Election: Congress MP Kumari Selja (@Kumari_Selja) and former Haryana CM and party leader and Bhupinder Singh Hooda (@BhupinderShooda) shared the stage with Leader of Opposition Rahul Gandhi (@RahulGandhi) and Congress leader Priyanka Gandhi (@priyankagandhi) at a… pic.twitter.com/xL8Vb0LeiX
— Press Trust of India (@PTI_News) September 30, 2024
यह पहला मौका नहीं है जब राहुल गांधी ने दोनों नेताओं को एक मंच पर लाने की कोशिश की हो। इससे पहले भी एक रैली में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा मंच पर एक साथ दिखे थे, लेकिन इस बार राहुल गांधी ने खुद उनके हाथ मिलाकर यह सुनिश्चित किया कि जनता के बीच पार्टी की एकता का स्पष्ट संदेश जाए। कांग्रेस भी समझती है कि अगर हुड्डा और सैलजा के बीच मतभेद रहते, तो इसका सीधा फायदा बीजेपी को चुनाव में मिल सकता था, इसलिए उन्होंने इस मौके का पूरा फायदा उठाया।