दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के संविदा कर्मियों की चार दिन से चल रही हड़ताल आखिरकार खत्म हो गई। मंगलवार देर शाम दिल्ली सचिवालय में मुख्यमंत्री आतिशी की अगुवाई में एक बैठक हुई, जिसमें कर्मचारी यूनियन के प्रतिनिधियों और डीटीसी अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस बैठक के बाद हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की गई, और बुधवार सुबह से बसों का संचालन सामान्य हो गया।
मुख्यमंत्री आतिशी ने क्या दिए आश्वासन?
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री आतिशी ने कर्मचारियों की मांगों पर चर्चा की और उनके समाधान के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए।
- सेवा समाप्ति पत्र वापस:
पिंक बस डिपो के कर्मचारियों के सेवा समाप्ति पत्र रद्द किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने इन कर्मचारियों को तुरंत ड्यूटी पर लौटने का आश्वासन दिया। - महिला कर्मचारियों को राहत:
महिला कर्मियों की मांगों को देखते हुए, उन्हें उनके मूल डिपो में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया। - निवास के पास स्थानांतरण:
जिन कर्मचारियों ने अपने निवास के निकटतम डिपो में स्थानांतरण की मांग की थी, उन्हें वहां समायोजित किया जाएगा। - संविदा कर्मचारियों के लिए नीति:
मार्च 2025 के बाद संविदा चालकों और परिचालकों की सेवाएं जारी रखने के लिए एक नई नीति बनाई जाएगी। - नियमित करने का प्रयास:
मुख्यमंत्री ने कहा कि संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए नीतिगत प्रस्ताव तैयार कर डीटीसी बोर्ड और मंत्रिपरिषद को भेजा जाएगा। इसके बाद इसे उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
बैठक का मुख्य उद्देश्य
बैठक विशेष रूप से पिंक बस डिपो के कर्मचारियों की समस्याओं पर केंद्रित थी। यहां सेवा समाप्ति पत्र जारी होने से नाराज कर्मचारी हड़ताल पर थे। इस मुद्दे का समाधान करते हुए मुख्यमंत्री ने अन्य मांगों पर भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।
क्या बदला हड़ताल के बाद?
हड़ताल समाप्त होने के साथ ही दिल्ली में बस सेवाएं सामान्य हो गई हैं। कर्मचारियों को आश्वासन मिलने से संतोष देखा गया। अब सरकार के अगले कदम पर सभी की नजरें टिकी हैं, खासकर संविदा कर्मियों की सेवा स्थिरता और नियमितीकरण के मुद्दे पर।
दिल्ली सरकार और डीटीसी कर्मचारियों के बीच यह बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण रही। मुख्यमंत्री आतिशी के प्रयासों से न केवल हड़ताल खत्म हुई, बल्कि कर्मचारियों को उनकी मांगों पर सकारात्मक समाधान का भरोसा भी मिला। यह निर्णय न केवल डीटीसी के कामकाज को सुधारने में मदद करेगा, बल्कि राजधानी की परिवहन व्यवस्था को भी सुचारू बनाएगा।