लोकसभा चुनाव में दो सीट से जीत दर्ज करने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रायबरेली सीट से सांसद रहने का फैसला किया है. सोमवार को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ बैठक के बाद उन्होंने वायनाड सीट छोड़ने का फैसला किया. उनकी जगह पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड से उपचुनाव लड़ेंगी.
वायनाड सीट छोड़ने से पहले राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी और कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी अध्यक्ष खड़गे से उनके आवास पर मुलाकात की. इस दौरान संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल भी मौजूद थे. मुलाकात के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि राहुल गांधी रायबरेली से सांसद बने रहेंगे और प्रियंका गांधी वायनाड से उपचुनाव लड़ेंगी.
राहुल बोले, नाता नहीं खत्म हुआ इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि वो भले ही वायनाड सीट छोड़ रहे हैं लेकिन वहां से उनका नाता खत्म नहीं हुआ है. उनका वायनाड में आना-जाना लगा रहेगा. वहीं, प्रियंका गांधी ने पुराने स्लोगन लड़की हूं, लड़ सकती हूं का जिक्र करते हुए कहा कि वह वायनाड से उपचुनाव लड़ेंगी.
केरल में गलत संदेश नहीं देना चाहती पार्टी दरअसल, केरल में करीब डेढ़ साल बाद विधानसभा चुनाव हैं. ऐसे में राहुल गांधी के वायनाड छोड़कर रायबरेली सीट चुनने से प्रदेश में गलत संदेश जा सकता है. इसका नुकसान पार्टी को उपचुनाव और विधानसभा में हो सकता हैं. इसलिए पार्टी ने प्रियंका गांधी को वायनाड से उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है. प्रियंका गांधी वाड्रा के लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारी के बाद यह साफ हो गया है कि कांग्रेस अब बैकफुट पर खेलने के हक में नही हैं.
मैं इस बात से बहुत खुश हूं कि मुझे वायनाड का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला. मैं राहुल गांधी की कमी खलने नहीं दूंगी. पूरी मेहनत से काम करूंगी. -प्रियंका गांधी, कांग्रेस महासचिव