प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्हाइट हाउस में बुधवार को रात्रि भोज के बाद बाइडन दंपति को कई नायाब उपहार दिए. इनमें उत्तराखंड का चावल, यूपी के ताम्रपत्र के साथ कई राज्यों की सांस्कृतिक विविधता की झलक दिखी.
मोदी ने अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन को 7.5 कैरेट का हीरा दिया तो अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को दृष्टसहस्त्रत्त्चन्द्रो सौंपा. ये उपहार उस शख्स को दिया जाता है, जो एक हजार पूर्णिमा के चंद्रमा देख चुका हो यानी 80 वर्ष और 8 महीने की उम्र पूरी कर चुका हो. इसे चंदन की लकड़ी से बने जयपुर की कारीगरी वाले बॉक्स में रखा गया.
झारखंड का रेशम
तीन अन्य डिब्बों में से एक में झारखंड का हाथ से बुना हुआ टसर रेशम का कपड़ा है. इसके अलावा दो अन्य में पंजाब का घी और महाराष्ट्र का गुड़ हैं.
यूपी का ताम्रपत्र
बाइडन दंपति को दिए गए बॉक्स में यूपी की बनी एक तांबे की प्लेट शामिल थी, जिस पर एक श्लोक उकेरा गया है. इसके साथ चांदी की गणेश प्रतिमा और एक दीपक भी भेंट किया.
दुर्लभ पुस्तक
‘द टेन प्रिंसिपल उपनिषद’ के पहले संस्करण की एक प्रति. यह साल 1937 में लंदन के फेबर एंड फेबर लिमिटेड द्वारा प्रकाशित और यूनिवर्सिटी प्रेस ग्लासगो में छपी थी.
उत्तराखंड का चावल
पीएम मोदी ने चार बेहद खास डिब्बे भी दिए हैं, जो भारत के चार राज्यों की पहचान हैं. इसमें उत्तराखंड का लंबे दाने वाला चावल भी है.
बाइडन दंपति ने मोदी को उपहारों के बदले एक विंटेज (प्राचीन) अमेरिकी कैमरा दिया. जॉर्ज ईस्टमैन के पहले कोडक कैमरे के पेटेंट की प्रतिकृति और वन्यजीव फोटोग्राफी की पुस्तक भी दी. इसके अलावा 20वीं शताब्दी की हस्त निर्मित अमेरिकी पुस्तक गैली और कलेक्टेड पोएम्स ऑफ रॉबर्ट फ्रॉस्ट की प्रति भी भेंट की.
हीरा (ग्रीन डायमंड)
7.5 कैरेट का हीरा आजादी के 75 साल और टिकाऊ अंतरराष्ट्रीय संबंध का प्रतीक है. तराशने में सौर और पवन ऊर्जा का प्रयोग होने से पर्यावरण अनुकूल है. हीरे को कश्मीर में कागज से बने कार-ए-कलमदानी में रखा गया है.
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