उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के बाहर प्रतियोगी छात्रों का विरोध प्रदर्शन सोमवार से जारी है। ये छात्र पीसीएस प्री 2024 और आरओ/एआरओ 2023 प्री परीक्षा को लेकर विरोध कर रहे हैं। छात्रों की दो मुख्य मांगें हैं, जिनके लिए उनकी बातचीत प्रशासन और आयोग के अधिकारियों से बेनतीजा रही है।
अधिकारियों के साथ बातचीत विफल
प्रयागराज के DM, पुलिस कमिश्नर और आयोग के सचिव समेत अधिकारियों ने छात्रों से बातचीत की थी। अधिकारियों ने कहा कि परीक्षा पारदर्शिता और शुचिता बनाए रखने के लिए 41 जिलों में परीक्षा कराई जा रही है और नकल रोकने के लिए अलग-अलग शिफ्टों में परीक्षा हो रही है। लेकिन छात्र इस बात से सहमत नहीं हुए और प्रदर्शन जारी रखा।
रात भर विरोध
बातचीत असफल होने के बाद भी छात्रों का विरोध जारी रहा। वे रात में भी मोबाइल की टॉर्च जलाकर नारेबाजी करते रहे और सड़क पर लेट गए।
मायावती ने उठाए सवाल
बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती ने यूपीपीएससी पर सवाल उठाए हैं, यह पूछते हुए कि क्या आयोग के पास पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं कि पीसीएस जैसी परीक्षा दो दिन में कराई जा रही है।
छात्रों की दो प्रमुख मांगें
छात्रों की पहली मांग है कि दोनों परीक्षाएं एक ही दिन और एक शिफ्ट में ली जाएं, और दूसरी मांग है कि नॉर्मलाइजेशन (मानकीकरण) का तरीका बदला जाए। छात्रों का कहना है कि यह फॉर्मूला सही नहीं है, क्योंकि पेपर एक ही है और इस प्रकार के नॉर्मलाइजेशन से अंक सही नहीं मिल रहे हैं।
नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला
नॉर्मलाइजेशन का मतलब है, आयोग ने एक ऐसा फॉर्मूला लागू किया है जिसमें हर शिफ्ट में छात्रों के अंक एक पर्सेंटाइल सिस्टम के आधार पर तय किए जाते हैं। छात्रों का कहना है कि इसे लागू करने का कोई तुक नहीं है, क्योंकि पेपर एक ही है।