नई दिल्ली . दिल्ली में अब टैक्सी ड्राइवरों के लिए नियमों का नया युग शुरू हो गया है। परिवहन विभाग ने ऐलान किया है कि अगर आपकी टैक्सी में व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम और पैनिक बटन नहीं हैं, तो परमिट और नवीनीकरण का सपना अधूरा रह जाएगा। इस फैसले का मुख्य उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ावा देना है, खासकर उन यात्रियों के लिए जो अक्सर अकेले यात्रा करती हैं।
हाल ही में, परिवहन विभाग ने एनआईसी (नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर) को इस नए ट्रैकिंग सिस्टम की निगरानी का कार्य सौंपा है। पहले टैक्सियों में केवल जीपीएस सिस्टम लगाना अनिवार्य था, लेकिन अब पैनिक बटन का होना भी अनिवार्य कर दिया गया है। इस बदलाव का मतलब है कि अक्टूबर के अंत तक दिल्ली की लगभग सभी टैक्सियों में ये सुरक्षा उपकरण मौजूद होंगे।
जिला परिवहन अधिकारी (डीटीओ) ने स्पष्ट किया है कि नए पंजीकृत टैक्सियों को इन उपकरणों के बिना परमिट नहीं मिलेगा। लेकिन यहाँ एक नई कहानी सामने आ रही है। ऑटो-टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष ने चिंता जताई है कि जिन टैक्सियों में पहले से पैनिक बटन लगे हैं, उनमें से अधिकांश बटन बेकार पड़े हैं। इसके अलावा, नई व्यवस्था के तहत टैक्सी मालिकों को इन उपकरणों को लगाने के लिए 18 से 20 हजार रुपये का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा।
इस आदेश को लेकर टैक्सी यूनियनों ने विरोध का मोर्चा खोला है। उनका कहना है कि इस वित्तीय बोझ के साथ-साथ, क्या ये सुरक्षा उपकरण वास्तव में यात्रियों की सुरक्षा में सुधार करेंगे? क्या ये नियम टैक्सी ड्राइवरों और यात्रियों दोनों के लिए सही साबित होंगे? यह सवाल अब सड़कों पर गूंज रहा है।