टेप विवाद में लॉबिस्ट नीरा राडिया को बड़ी राहत मिली है. मामले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन यानी CBI ने उन्हें क्लीन चिट दे दी है. जांच एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट को इस बात की जानकारी दी है कि टेप हुई बातचीत में कोई भी आपराधिक बात सामने नहीं आई है. साथ ही बताया है कि टेप में शामिल बातचीत के लेकर जारी 14 शुरुआती जाचों को भी बंद कर दिया गया है. एडीशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने बेंच को साल 2015 में कोर्ट की तरफ से दिए गए जांच के आदेश के से जुड़ी रिपोर्ट भी जमा किए जाने की जानकारी दी. मामले में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच सुनवाई कर रही थी.
मामले में पेश होने वाले वकीलों में सिद्धार्थ लूथरा, एएसजी ऐश्वर्या भाटी और प्रशांत भूषण शामिल हैं. सुनवाई के दौरान, एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि निजता के अधिकार का फैसला आने के बाद अब कुछ भी नहीं बचा है, जबकि मामले में पहले भी सीबीआई जांच करने का आदेश दे दिया गया था. याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने हालांकि, बेंच को बताया कि वह कई अन्य केसों में व्यस्त हैं और चाहते हैं कि इस मामले पर बहस हो, जिससे पीठ ने मामले को पारित कर दिया.
देश की बेहद चर्चित और 12 साल पुराने नीरा राडिया टेप विवाद में सीबीआई ने नीरा राडिया और कई अन्य को क्लीन चिट दे दी है. मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इस केस में CBI ने 14 प्रारंभिक जांच की, लेकिन जांच में कोई अपराध का केस नहीं पाया गया.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान ASG ऐश्वर्या भाटी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने करीब 5800 टेपों की जांच की है. लेकिन इसमें कोई केस नहीं पाया गया. उन्होंने आगे कहा कि इसके बाद सीलकवर में ये रिपोर्ट दाखिल की गई. वैसे भी निजता के अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है ऐसे में अह इस केस में कुछ बचा नहीं है. रतन टाटा ने साल 2011 में नीरा राडिया टेप मामले में अपनी निजता का हवाला देते सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी और इसके जरिए इन टेपों को लीक करने में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी.