– उमेश बंशी
सब संभव हो जाता है जब मुखिया की सोच और मंशा बेहतर हो तो। दरअसल, सुशासन ऐसा है कि जिसमें हर काम संभव हो, जनहित के कार्य में किसी प्रकार की दिक्कतें न हो। हर डगर मजबूत हो। छत्तीसगढ़ में जनहित के कई ऐसे कार्य बेहतर तो हो रहे हैं, इस वजह से पब्लिक सपोर्ट भी बेहतर मिल रहा है सरकार को। हालांकि कुछ चीजों में अब भी सुधार की गुंजाइश है, क्योंकि उसके लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है। सुशासन के खुशहाल डगर के लिए सरकार ने 13 लाख अन्नदाताओं को बकाया बोनस दिया, देश में सर्वाधिक 3100 प्रति क्विंटल की कीमत से धान खरीदी, 70 लाख महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार रूपए साथ ही हर गरीब परिवारों के आशियाने का सपना भी साकार हो रहा है। 18 लाख से अधिक परिवारों को पीएम आवास योजना का लाभ दिया जा रहा है। युवाओं के स्वर्णिम भविष्य के लिए नौकरियों के अवसर प्रदान किए जा रहे है और इतना ही नहीं, तीर्थ दर्शन भी आसान हो रहा है। साल में 20 हजार से अधिक लोगों को श्री राम लला के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। सरकार की मंशा के अनुरूप आदिवासी भाई-बहनों के जीवन में भी परिवर्तन आ रहा है। पहली बार 5500 रूपए प्रति मानक बोरा की दर से पारिश्रमिक प्राप्त हो रहा है। इससे 12 लाख से अधिक परिवारों का जीवन संवर रहा है। बच्चों के लिए भी सरकार बेहतर काम कर रही है, जैसे कि अपनी बोली में पढ़ाई करा रही है। निवेश एवं रोजगार के नए-नए अवसर खुल रहे है और नई औद्योगिक नीति का असर यह है कि इससे औद्योगिक क्षेत्रों में गति आएगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ने जा रहे है। हर परिवार को 5 वर्षाें तक निःशुल्क चावल देने का ऐलान किया गया है। बस्तर को सुरक्षित और विकास की गति में लाने के लिए भी अहम प्रयास किए जा रहे है। सुरक्षा कैंपों की स्थापना की जा रही है। आधुनिक शिक्षा का विस्तार हो रहा है, इन क्षेत्र में क्रांति आ रही है। पीएम जनमन योजना का भी कारगर असर दिखाई दे रहा है। इसी ध्येय वाक्य के साथ छत्तीसगढ़ को संवारने का कदम उठाया गया है।