रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक नया मोड़ आ सकता है! नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों के एक साथ आयोजन की संभावना ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। यह सुझाव ऋचा शर्मा की अध्यक्षता में गठित विशेष समिति द्वारा दिया गया है, जिसने दोनों चुनावों को एक साथ कराने की सिफारिश की है। इस सिफारिश ने राज्य की राजनीति में नई जान डाल दी है।
महत्वपूर्ण बैठक आज
इस सिफारिश पर अंतिम निर्णय लेने के लिए आज मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में नगरीय निकाय मंत्री अरुण साव और पंचायत विभाग के प्रमुख अधिकारी भी शामिल होंगे। बैठक का मुख्य उद्देश्य प्रस्तावित योजना पर चर्चा करना और आवश्यक व्यवस्थाओं पर मंथन करना है।
समिति की सिफारिशें
ऋचा शर्मा की समिति ने अपनी रिपोर्ट में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को उजागर किया है। समिति ने बताया कि वर्तमान में अलग-अलग चुनाव कराने से दो बार आचार संहिता लगानी पड़ती है, जिससे विकास कार्य प्रभावित होते हैं। इसके अलावा, दो बार चुनाव कराने में अधिक मानव संसाधन और आर्थिक व्यय होता है।
समिति ने सुझाव दिया है कि अगर दोनों चुनाव एक साथ कराए जाएं, तो यह प्रशासनिक और आर्थिक खर्चों में कमी लाने में सहायक होगा। इससे मतदान केंद्रों, सुरक्षाबलों, और चुनाव आयोग के संसाधनों का अधिक प्रभावी उपयोग हो सकेगा।
जनता की भागीदारी बढ़ेगी
एक साथ चुनाव कराने से प्रशासनिक बोझ कम होगा, और इससे जनता की भागीदारी बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो छत्तीसगढ़ की राजनीतिक स्थिति में एक नया अध्याय लिखा जा सकता है।