मोदी सरकार की योजना “वन नेशन वन इलेक्शन” का बिल अब जल्दी संसद में पेश किया जा सकता है. मोदी कैबिनेट ने इस बिल को मंजूरी दे दी है और बीजेपी इसे संसद में पास कराने के लिए तैयारियों में जुट गई है. शीतकालीन सत्र में इसे पेश किया जा सकता है. इससे पहले, जेपीसी कमेटी बनाई जाएगी जो सभी दलों से सुझाव लेगी.
सरकार का उद्देश्य सभी दलों और राज्य सरकारों से राय लेकर इस बिल पर आम सहमति बनाना है. इसके लिए विपक्षी दलों, राज्य सरकारों, नागरिक समाज, राजनीतिक विश्लेषकों और बुद्धिजीवियों से सलाह ली जाएगी.
“वन नेशन वन इलेक्शन” के फायदे के रूप में कहा जा रहा है कि इससे चुनावों पर होने वाला खर्च कम होगा, क्योंकि अब अलग-अलग चुनावों के लिए अलग-अलग खर्च नहीं करना पड़ेगा. लेकिन इसके विरोध में यह कहा जा रहा है कि इससे राज्यों के स्थानीय मुद्दों की अनदेखी हो सकती है, और राज्य चुनाव भी राष्ट्रीय मुद्दों पर आधारित हो सकते हैं.