उज्जैन से एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पिता, पूनमचंद यादव का निधन हो गया है। वे पिछले एक सप्ताह से बीमार थे। पूनमचंद यादव, जो पहले रतलाम में रहते थे, उज्जैन आए और यहां उन्होंने हीरा मिल में काम किया। इसके बाद उन्होंने मालीपुरा में भजिए की दुकान और फ्रीगंज में दाल-बाफले की दुकान चलाई। अपने जीवन में उन्होंने काफी संघर्ष किया और अपने परिवार की अच्छी परवरिश की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूनमचंद यादव के निधन पर दुख व्यक्त किया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी संवेदना प्रकट की है। पूनमचंद यादव का मंगलवार को निधन हुआ, उनकी उम्र करीब 100 वर्ष थी। उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें उज्जैन के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके बेटे महा आर्यमन सिंधिया ने भी अस्पताल में जाकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली थी। रविवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव भी अपने पिता से मिलने पहुंचे थे।
पूनमचंद यादव का जीवन संघर्ष और समर्पण से भरा हुआ था। उन्होंने कठिनाइयों का सामना करते हुए अपने बच्चों को शिक्षित किया और उनके जीवन को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके चार बेटे—नंदू यादव, नारायण यादव, मोहन यादव और एक बेटी—कलावती और शांति देवी हैं। कठिन समय में, वे रतलाम से उज्जैन आए और अपनी मेहनत से अपने परिवार को सहारा दिया। 100 वर्ष की उम्र में भी वे खुद मंडी जाकर उपज बेचते थे। उनके संघर्ष और मेहनत ने उनके परिवार को प्रेरित किया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने पिता के निधन के बाद CM हाउस से स्टेट हेंगर के लिए रवाना हो गए हैं और जल्द ही उज्जैन के लिए प्रस्थान करेंगे।