नई दिल्ली . संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा की बैठक तय तिथि से एक दिन पहले गुरुवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. यह सत्र विपक्षी सांसदों के रिकॉर्ड निलंबन के लिए चर्चित रहा. पूरे सत्र में विपक्ष के सौ सांसदों को सदन की मर्यादा व गरिमा के खिलाफ आचरण के लिए निलंबित किया गया.
दो दर्शक दीर्घा से सदन में कूदे सत्र के दौरान 13 दिसंबर को दो व्यक्ति लोकसभा कक्ष में कूद गए और उन्होंने धुआं फैला दिया. इस मामले को लेकर विपक्ष ने भारी हंगामा किया. सत्र के दौरान लोकसभा की आचार समिति की सिफारिश के आधार पर प्रस्ताव पारित करके तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा की सदस्यता समाप्त कर दी गई. आचार समिति ने उन्हें नकदी और उपहार के बदले में संसद में प्रश्न पूछने के लिए दोषी पाया था. सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किये जाते समय सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और कई केंद्रीय मंत्री तथा कई राजनीतिक दलों के नेता मौजूद रहे. विपक्ष की तरफ की दीर्घा काफी हद तक खाली रही.क्योंकि आसन की अवमानना के आरोप में सदन से कुल 100 विपक्षी सदस्यों को इस सत्र में निलंबित कर दिया गया.
सदन का कामकाज 74 प्रतिशत रहा बिरला
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को सदन को बताया कि इस सत्र में कामकाज (कार्य उत्पादकता) करीब 74 प्रतिशत रही. इस सत्र में 14 बैठकें हुईं, जो 61 घंटे 50 मिनट तक चलीं. इस दौरान 12 सरकारी विधेयक पेश किए गए. कुल 18 सरकारी विधेयक चर्चा के बाद पारित किए गए. सत्र की शुरुआत गत चार दिसंबर को हुई थी और तय कार्यक्रम के अनुसार 22 दिसंबर तक इसका संचालन होना था. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि सत्र के दौरान विभिन्न विभागों से संबंधित लोकसभा की स्थायी समितियों ने 35 प्रतिवेदन पेश किए. उन्होंने बताया कि शीतकालीन सत्र में विभिन्न दलों के सदस्यों ने शून्यकाल में 182 अविलंबनीय लोक महत्व के मामले उठाए.
ये अहम बिल पारित
सत्र में लोकसभा ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) विधेयक, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक, 2023 और भारतीय साक्ष्य (बीएस) विधेयक, 2023 को भी मंजूरी दी. ये तीनों विधेयक भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860, दंड प्रक्रिया संहिता सीआरपीसी),1898 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 के स्थान पर लाए गए हैं.