इंफाल. मणिपुर (Manipur Landslide) में हुए भीषण भूस्खलन में अब तक 14 लोगों की मौत हो गई है, जबकि बड़ी संख्या में लोग मलबे के अंदर फंसे हुए हैं. राज्य में भूस्खलन की वजह से भीषण तबाही मची है. डीजीपी पी डौंगेल (DGP P Doungel) के मुताबिक 23 लोगों को मलबे से बाहर निकाला गया, जिनमें से 14 मृत पाए गए हैं.
भूस्खलन की वजह से कई ग्रामीण लोग मलबे में दब गए हैं. कुछ सेना के जवान और रेलवेकर्मी भी प्राकृतिक आपदा का शिकार हुए हैं. करीब 60 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है. भारतीय सेना, असम राइफल्स और प्रादेशिक सेना के जवानों ने भूस्खलन प्रभावित नोनी जिले में रेस्क्यू दिनभर जारी रखा है.
मणिपुर में जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन
यह हादसा तुपुल यार्ड रेलवे निर्माण शिविर में बुधवार की रात हुआ था. स्थानीय प्रशासन और दूसरी रेस्क्यू टीमें बड़े अर्थमूवर का इस्तेमाल कर रही हैं. मिट्टी हटाने के लिए युद्धस्तर पर काम जारी है.
कैसे मची भीषण तबाही?
भूस्खलन के बाद भारी मलबा शिविर पर गिरा और ईजेई नदी का रास्ता बंद हो गया. घटनास्थल पर जलाशय बन गया है और निचले इलाकों में बाढ़ आने का खतरा पैदा हो गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) के साथ मणिपुर की स्थिति की समीक्षा की. पीएम ने वादा किया केंद्र सरकार, राज्य सरकार की हर संभव मदद करेगी.