पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में एक लेडी डॉक्टर के रेप और मर्डर मामले ने अब एक नया मोड़ लिया है। 87 दिनों के संघर्ष के बाद, सियालदह कोर्ट ने सोमवार को मुख्य आरोपी संजय रॉय के खिलाफ गंभीर आरोप तय किए। अब 11 नवंबर से केस की हर दिन होगी सुनवाई। इस बीच, रॉय ने अदालत के बाहर मीडिया से कहा, “मुझे फंसाया जा रहा है। मेरी आवाज़ कोई नहीं सुन रहा। सरकार मुझे चुप कराने की कोशिश कर रही है।”
संजय रॉय, जो एक सिविक वॉलेंटियर है, ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि वह इस मामले में साजिश का शिकार है। सीबीआई की हालिया रिपोर्ट ने उसे एकमात्र मुख्य आरोपी माना है, जिससे मामला और पेचीदा हो गया है।
अदालत ने रॉय के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराएं 103(1), 64 और 66 लगाई हैं। धारा 103(1) हत्या के लिए मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान करती है, धारा 64 बलात्कार पर सजा निर्धारित करती है, और धारा 66 पीड़िता की मृत्यु या गंभीर स्थिति में डालने पर सजा का प्रावधान है।
#WATCH | RG Kar rape and murder case | West Bengal’s Sealdah Court framed charges against accused Sanjay Roy under section 103(1), 64 and 66 Bhartiya Nyay Sahita. The trial will begin on November 11, 2024.
(Visuals of him being taken from the Court) pic.twitter.com/EXPHZ8DpjV
— ANI (@ANI) November 4, 2024
यह मामला अब केवल कानूनी प्रक्रिया तक सीमित नहीं रहा; यह महिलाओं की सुरक्षा और समाज में न्याय की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाने वाला बन गया है। डॉक्टर की संदिग्ध मौत ने न सिर्फ राज्य की कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न लगाया है, बल्कि यह समाज में महिलाओं के प्रति हिंसा के मुद्दे को भी केंद्र में ला दिया है। समाज के विभिन्न वर्गों में इस मामले को लेकर चर्चा शुरू हो चुकी है, और सबकी निगाहें अब न्यायालय की कार्यवाही पर टिकी हैं।