आम आदमी पार्टी (AAP) इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशियों के चयन को लेकर काफी सतर्क है। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि दिल्ली चुनाव जीतने से ही पार्टी की राजनीति आगे बढ़ेगी, और यही कारण है कि प्रत्याशियों के चयन में कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही है। सर्वे से लेकर विधायक की राय तक, सब कुछ ध्यान से किया जा रहा है।
इस चुनाव में अरविंद केजरीवाल की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है। उन्होंने खुले तौर पर कहा था कि अगर जनता उन्हें चुनकर भेजेगी, तो ही वह मुख्यमंत्री बनेंगे। उनके इस बयान ने चुनाव को उनके लिए और भी महत्वपूर्ण बना दिया है। अब यह चुनाव सिर्फ दिल्ली नहीं, बल्कि उनकी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा पर भी केंद्रित हो गया है।
भले ही आम आदमी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों के चयन में ध्यान रखा हो, लेकिन भाजपा लगातार आक्रामक तरीके से केजरीवाल और AAP को घेर रही है। ऐसे में AAP के लिए चुनावी रणनीति और भी चुनौतीपूर्ण हो गई है।
कुछ सीटों पर पार्टी को चिंता है, जिनमें कृष्णा नगर, बादली, महरौली, हरि नगर, रिठाला, बवाना, आदर्श नगर, नरेला, जनकपुरी, जंगपुरा, मादीपुर, और मुस्तफाबाद जैसी सीटें शामिल हैं। इन सीटों के लिए दो सर्वे हो चुके हैं, लेकिन पार्टी सतर्क रहते हुए फिर से सर्वे करवा रही है। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि कुछ विधायकों की छवि पार्टी के हिसाब से मजबूत नहीं थी, इसलिए उनकी टिकट काटी गई।
इसके साथ ही, AAP ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह दिल्ली चुनाव में वोट कटवाने की कोशिश कर रही है। अरविंद केजरीवाल ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा कि भाजपा रंगे हाथों वोट काटने की कोशिश करते पकड़ी गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा का यह षड्यंत्र दिल्ली में सफल नहीं होने देंगे।