जांजगीर-चांपा: डरा-धमकाकर नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले 63 वर्षीय आरोपी को विशेष न्यायाधीश (पाक्सो) ने 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. विशेष लोक अभियोजन के अनुसार, नाबालिग लड़की के पिता ने चांपा थाने में आकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह अपनी मां, पत्नी और तीन बच्चों दो बेटी व एक बेटे के साथ गांव में रहता है. पति-पत्नी वे दोनों रोजी मजदूरी का काम करते हैं. उसकी बड़ी बेटी पढ़ाई में कमजोर होने के चलते पांचवीं के बाद आगे नहीं पढ़ पाई और घर में रहती है.
घर में गाय है जिसे दुहने के लिए पड़ोस का ही 63 वर्षीय चंद्रदेव सिदार उनके घर आता है. रात में उनके बच्चों को पढ़ाता भी है. रोज की तरह 8 जुलाई 2023 को भी वे दोनों पति-पत्नी काम करने बाहर चले गए थे. अगले दिन 9 जुलाई को शाम को घर लौटे तो उसकी मां ने उसे बताया कि पड़ोस में रहने वाले चंद्रदेव सिदार उसकी बेटी के साथ घर के पीछे कोठा में दुष्कर्म किया है. बेटी से पूछने पर उसने रोते-रोते बताया कि 15 दिन पहले उसे आचार लेने के बहाने आरोपी ने बुलाया था और जबरदस्ती गलत काम किया था. 8 जुलाई को भी दोपहर 12 बजे आरोपी घर आया. तब दादी सो रही थी तो उसे कोठा में ले गया और जबरदस्ती दुष्कर्म किया. डर के चलते उसने यह बात किसी को नहीं बताई. पिता की सूचना पर पुलिस ने भादवि की धारा 376 व धारा 6 पाक्सो एक्ट के मामला दर्ज किया और आरोपी को गिरफ्तार कर अभियोग पत्र न्यायालय में दर्ज किया. जहां संपूर्ण साक्ष्य और गवाहों के बयान के बाद आरोप सिद्ध होने पर विशेष न्यायाधीश (पाक्सो) शैलेन्द्र चौहान के द्वारा आरोपी चंद्रदेव सिदार पिता स्व. ज्ञानी सिंह सिदार को भादवि की धारा 376 (1) के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास व 5000 रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई. अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक पाक्सो जांजगीर चंद्रप्रताप सिंह ने पैरवी की.
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