जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में एक दिल दहला देने वाली घटना ने सभी को हिला कर रख दिया है। 8 अक्टूबर को आतंकवादियों द्वारा अगवा किए गए दो जवानों में से एक ने अदम्य साहस दिखाते हुए भागकर जान बचा ली, जबकि दूसरे का शव अनंतनाग के पथरीबल वन क्षेत्र में पाया गया, जिसके शरीर पर चाकू और गोली के गहरे निशान थे।
यह घटना उस समय हुई जब जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की मतगणना चल रही थी। रिपोर्टों के अनुसार, प्रादेशिक सेना की 161वीं इकाई के ये बहादुर जवान आतंकवाद विरोधी अभियान पर निकले थे। तभी आतंकवादियों ने उन पर हमला कर दिया। एक जवान, जो दो गोलियों का शिकार बना, अपनी जान बचाने में सफल रहा, जबकि दूसरे जवान की शहादत ने फिर से यह साबित कर दिया कि इस क्षेत्र में संघर्ष कितना भयंकर है।
भारतीय सेना ने तुरंत कार्रवाई की और चिनार कोर ने जानकारी दी कि खुफिया जानकारी के आधार पर जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर कोकरनाग के कज़वान जंगल में एक अभियान चलाया गया। घायल जवान को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, और उसकी स्थिति स्थिर बताई गई है।
इससे पहले अगस्त में भी अनंतनाग में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में दो जवान शहीद हुए थे। वहीं, डोडा में चार जवान और एक सैन्य अधिकारी ने आतंकियों के साथ मुठभेड़ में अपने प्राणों की आहुति दी थी।