जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक इतिहास में आज एक नया अध्याय लिखा जा रहा है, जब विधानसभा चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण के लिए वोटिंग हो रही है। 39.18 लाख मतदाता, जो जम्मू की गर्मी से लेकर कश्मीर की ठंडी पहाड़ियों तक फैले हुए हैं, 40 विधानसभा सीटों पर अपने प्रतिनिधियों का चयन कर रहे हैं। 415 उम्मीदवारों की किस्मत आज ईवीएम मशीनों में बंद हो जाएगी।
जम्मू संभाग के चार जिलों—जम्मू, सांबा, कठुआ और उधमपुर—और कश्मीर घाटी के बारामुला, बांदीपोरा, और कुपवाड़ा में आज मतदान हो रहा है। जम्मू में 11 सीटें, सांबा में 3, कठुआ में 6 और उधमपुर में 4 सीटें हैं, जबकि बारामुला में 7, बांदीपोरा में 3 और कुपवाड़ा में 6 सीटों पर मतदाता अपनी आवाज उठा रहे हैं।
चुनाव आयोग ने इस चरण के लिए 5,030 मतदान केंद्र बनाए हैं, जिनमें से कश्मीरी विस्थापितों के लिए विशेष केंद्र भी शामिल हैं। दिल्ली, जम्मू और उधमपुर में इन विस्थापितों के लिए विशेष मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं, ताकि हर मतदाता अपनी भूमिका निभा सके।
सोपोर में मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम देखने को मिल रहे हैं। एसएसपी सोपोर, दिव्या डी ने जानकारी दी कि सुबह 7 बजे से मतदान सुचारू रूप से चल रहा है। उन्होंने कहा, “हमारी सुरक्षा टीमें पूरी तरह मुस्तैद हैं, और लोग बड़ी संख्या में मतदान के लिए आ रहे हैं। पिछले चुनावों से बेहतर भागीदारी की उम्मीद है।”
वहीं, जम्मू पश्चिम से बीजेपी उम्मीदवार अरविंद गुप्ता ने अपनी उम्मीदवारी के प्रति आत्मविश्वास जताते हुए कहा, “यह चुनाव ऐतिहासिक है। जम्मू की पहचान को 70 साल तक दबाया गया, लेकिन अब समय बदल गया है। अगर बीजेपी जीतती है, तो डोगरा समुदाय से मुख्यमंत्री होगा।” वोट डालने से पहले माता काली मंदिर में प्रार्थना करने के बाद उन्होंने अपनी पार्टी की जीत का भरोसा जताया और कहा, “8 तारीख को आपको पता चलेगा कि जम्मू-कश्मीर में बीजेपी बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है।”
इस अंतिम चरण में जनता की नजरें नतीजों पर टिकी हैं, जो इस चुनावी संग्राम के विजेताओं का फैसला करेंगे।