राज्यसभा में विपक्ष ने चेयरमैन जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया, जिससे राजनीति में हलचल मच गई। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने धनखड़ पर तीखे आरोप लगाए और कहा कि वह सदन में स्कूल के हेडमास्टर की तरह बर्ताव करते हैं।
क्या है मामला?
मंगलवार को कांग्रेस, टीएमसी, सपा, उद्धव ठाकरे की शिवसेना समेत कई विपक्षी दलों ने मिलकर राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को अविश्वास प्रस्ताव सौंपा। बुधवार को जब संसद शुरू हुई, तो विपक्ष ने इस प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की, लेकिन भारी हंगामे के कारण कार्यवाही ठप हो गई।
खरगे का आरोप:
खरगे ने कहा, “धनखड़ विपक्ष के साथ ऐसा बर्ताव करते हैं जैसे वे स्कूल के बच्चों को डांट रहे हों। जब विपक्ष के नेता 5 मिनट बोलते हैं, तो वह खुद 10 मिनट का भाषण देने लगते हैं।” उन्होंने चेयरमैन पर पक्षपात और सरकार के प्रवक्ता के रूप में काम करने का भी आरोप लगाया।
चेयरमैन पर आरोप:
सदन की बाधा: खरगे का दावा है कि सदन की कार्यवाही में रुकावट का सबसे बड़ा कारण खुद चेयरमैन हैं।
पक्षपात: उन्होंने आरोप लगाया कि चेयरमैन विपक्ष की बात नहीं सुनते और सत्ताधारी दल का पक्ष लेते हैं।
सत्तापक्ष का गुणगान: खरगे ने कहा कि चेयरमैन सत्तापक्ष और प्रधानमंत्री की तारीफों में व्यस्त रहते हैं।
क्या होगा असर?
राज्यसभा में एनडीए के पास बहुमत है, इसलिए अविश्वास प्रस्ताव पारित होने की संभावना कम है। लेकिन विपक्ष का यह कदम चेयरमैन की छवि को जरूर प्रभावित कर सकता है और सरकार के खिलाफ एकजुटता दिखाने का तरीका हो सकता है।