बेरूत: लेबनान में इजरायल का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है, खासकर हिजबुल्लाह के प्रमुख सैय्यद हसन नसरल्लाह की मौत के बाद। रविवार को इजरायली वायुसेना ने पूरे लेबनान में भयंकर बमबारी की, जिसमें 105 लोगों की जान चली गई। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस हमले में 359 लोग घायल हुए हैं, और सबसे अधिक मौतें ऐन अल-डेलब और टायर क्षेत्रों में हुई हैं।
कोला क्षेत्र में नया हमला
इजरायल ने पहली बार कोला क्षेत्र में भीषण बमबारी की, जिससे काना अस्पताल को गंभीर नुकसान पहुँचा। बेका घाटी में हुए हमले में 33 लोगों की मौत और 97 लोग घायल हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इजरायली लड़ाकू विमान लगातार लेबनान के विभिन्न हिस्सों में एयर स्ट्राइक कर रहे हैं।
इजरायल की रणनीति
इजरायल ने स्पष्ट किया है कि वह हिजबुल्लाह पर हमले जारी रखेगा। बेरूत के कोला जिले में फिलिस्तीन मुक्ति मोर्चा के तीन नेता भी इस हवाई हमले में मारे गए हैं। इजरायली सेना ने बेका घाटी में हिजबुल्लाह के कई ठिकानों को निशाना बनाया और कहा कि वह हिजबुल्लाह के हथियार डिपो को नष्ट करने के लिए सक्रिय रहेगा। लेबनान की सरकार के अनुसार, इजरायली हवाई हमलों में अब तक 1,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और 6,000 से अधिक लोग घायल हैं।
अन्य घटनाएँ
यमन में इजरायली हमला: रविवार को इजरायली वायुसेना ने पश्चिमी यमन में भी बड़ा हवाई हमला किया, जिसमें चार लोग मारे गए और 29 घायल हुए। यह हमला हूती विद्रोहियों के बैलिस्टिक मिसाइलों के जवाब में किया गया था।
हसन नसरल्लाह की मौत: हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह का शव बंकर से बरामद किया गया है, जिसके शरीर पर कोई चोट का निशान नहीं मिला। नसरल्लाह को 27 सितंबर को इजरायली एयर स्ट्राइक में मारा गया था।
अन्य हिजबुल्लाह नेता भी मारे गए: इजरायली सेना ने बताया कि नसरल्लाह के साथ संगठन के 20 अन्य सदस्यों की भी मौत हुई। इससे पहले कई प्रमुख कमांडरों, जैसे फुआद शुकर और इब्राहिम अकील, को भी इजरायली हवाई हमलों में ढेर किया गया था।
नबील कौक का हत्याकांड: हिजबुल्लाह के सातवें कमांडर नबील कौक को भी इजरायल ने एक हफ्ते के भीतर मारा है। वह हिजबुल्लाह की केंद्रीय परिषद का उप प्रमुख था।
बाइडन और नेतन्याहू की बातचीत: लेबनान पर इजरायली हमलों के बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन जल्द ही इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात करेंगे। हसन नसरल्लाह की मौत के बाद यह दोनों नेताओं के बीच पहली बातचीत होगी।
यह स्थिति दर्शाती है कि इजरायल-लेबनान संघर्ष में स्थिति कितनी जटिल और गंभीर हो गई है।