IND vs NZ 2nd Test: पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में मिचेल सैंटनर की करिश्माई गेंदबाजी ने न्यूजीलैंड को भारतीय टीम पर एक शानदार जीत दिलाई। 113 रन से मिली इस जीत के साथ न्यूजीलैंड ने भारत में 68 सालों बाद टेस्ट सीरीज जीतने का अनोखा इतिहास रच दिया है। यह किसी सपने से कम नहीं था, क्योंकि न्यूजीलैंड का भारत दौरा 1955-56 से चल रहा है।
रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड के खिलाफ इस तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में लगातार दूसरी हार झेली। यह हार न केवल भारतीय क्रिकेट के लिए एक झटका है, बल्कि घरेलू सरजमीं पर 12 साल बाद हुई एक सीरीज हार भी है। आखिरी बार भारत ने 2012 में इंग्लैंड से टेस्ट सीरीज हारी थी। आइए, अब नजर डालते हैं उन कारणों पर, जिन्होंने भारतीय टीम की इस निराशाजनक हार में अहम भूमिका निभाई।
ओपनिंग जोड़ी की ठंडी शुरुआत
IND vs NZ 2nd Test: दूसरे टेस्ट में भारतीय ओपनिंग जोड़ी का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। पहली पारी में यशस्वी जायसवाल ने 30 रन बनाए, जबकि कप्तान रोहित शर्मा बिना खाता खोले ही पवेलियन लौट गए। दोनों के बीच 18 गेंदों में महज एक रन की साझेदारी हुई। दूसरी पारी में भी यशस्वी और रोहित की जोड़ी केवल 34 रन ही बना पाई। बड़े स्कोर के पीछे भागने के दौरान यह खराब शुरुआत टीम के मध्यक्रम पर भारी पड़ गई। नतीजतन, कीवी गेंदबाजों के खिलाफ भारतीय बल्लेबाजों का रक्षात्मक खेल और भी महंगा साबित हुआ।
धुरंधरों का फॉर्म गुम
भारतीय टीम के दिग्गज बल्लेबाजों में से एक, विराट कोहली, पिछले कुछ समय से बड़ी पारियां नहीं खेल पाए हैं। पुणे में, सैंटनर ने उन्हें अपनी फिरकी में उलझाते हुए पवेलियन भेज दिया। पहली पारी में तो कोहली महज 1 रन पर आउट हो गए, जबकि दूसरी पारी में उन्होंने 40 गेंदों में केवल 17 रन बनाए। कप्तान रोहित शर्मा ने भी निराश किया, पहली पारी में बिना रन बनाए और दूसरी पारी में केवल 8 रन बनाकर लौटे। वहीं, ऋषभ पंत ने भी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, पहली पारी में 18 रन और दूसरी पारी में बिना खाता खोले लौट गए।
रोहित की कप्तानी पर सवाल
इस टेस्ट में रोहित शर्मा की कप्तानी ने भी निराश किया। मैदान पर उनके आक्रामक रुख की उम्मीद थी, लेकिन उनका खेल अधिकतर रक्षात्मक रहा। पूर्व कोच रवि शास्त्री ने भी इस पर टिप्पणी की कि कप्तान को ज्यादा आक्रामकता दिखाने की आवश्यकता थी।
कीवी टीम को हल्के में लिया
पहले टेस्ट में हार के बाद, भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड को हल्के में लिया, जो उन्हें महंगा पड़ा। पहले टेस्ट में न्यूजीलैंड को 259 रन पर समेटने वाली भारतीय टीम खुद 156 रन पर सिमट गई। भारतीय बल्लेबाजी के दौरान ऐसा लग रहा था कि पिच पर स्पिनर्स को खेलना मुश्किल है, लेकिन न्यूजीलैंड ने दूसरी पारी में 255 रन बनाकर इस धारणा को गलत साबित कर दिया। पूरे मैच में कीवी टीम ने भारतीय खिलाड़ियों पर दबाव बनाए रखा, और ऐसा लगा जैसे मेहमान टीम के खिलाफ भारतीय खिलाड़ियों ने तैयारी ही नहीं की थी।