खर्राटे लेने की आदत मधुमेह के साथ उच्च रक्तचाप की परेशानी बढ़ा सकती है। एम्स के एक शोध में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का सीधा संबंध मधुमेह, उच्च रक्तचाप और मेटाबॉलिक सिंड्रोम से होने के सबूत मिले हैं।
इस शोध में रोग के कारण उच्च रक्तचाप, मधुमेह और मेटाबॉलिक सिंड्रोम बढ़ने के सबूत मिले। इससे मरीज में मोटापे के साथ दूसरे विकार हो सकते हैं। जो दिल का रोग, ब्रेन स्ट्रोक सहित दूसरी समस्याओं की आशंका को बढ़ा सकता है। ऐसे रोगों की रोकथाम के लिए एम्स आईआईटी दिल्ली के साथ मिलकर उपचार के उपकरण तैयार कर रहा है। आने वाले सालों में स्वदेशी उपकरण बाजारों में उपलब्ध होंगे।
दरअसल, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) एक आम बीमारी है, जिसमें नींद के दौरान वायुमार्ग अवरुद्ध हो जाता है और सांस रुक जाती है। इससे सांस लेने में दिक्कत होती है और शरीर में ऑक्सीजन का स्तर गिर जाता है। व्यक्ति को सामान्य रूप से सांस लेने के लिए जागना पड़ता है। ऐसा होने पर नींद खराब या पूरी नहीं होती है। इस समस्या की रोकथाम के लिए एम्स में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया पर एक कार्यशाला का आयोजन हुआ। इसमें एम्स के पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर और स्लीप मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञों ने चिकित्सकों, प्रशिक्षुओं, शोधकर्ताओं और स्लीप मेडिसिन विशेषज्ञों के साथ रोग के नवीनतम प्रगति और उपचार रणनीतियों पर चर्चा की।
जीवन शैली में बदलाव रोकथाम में कारगर
पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर और स्लीप मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. प्रो. अनंत मोहन ने कहा कि रोग की रोकथाम में जीवनशैली में बदलाव, सर्जिकल विकल्प और सीपीएपी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस रोग में दिन में अत्यधिक नींद आना, जोर से खर्राटे लेना और नींद के पैटर्न में व्यवधान सहित अन्य लक्षण दिखाई देते हैं।